
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट माध्यमिक शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025 में अतिथि शिक्षकों को बिना अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड किए आवेदन करने की अनुमति दी है, जिससे हजारों अभ्यर्थियों को राहत मिली है। अब ऐसे अतिथि शिक्षक भी परीक्षा फार्म भर सकेंगे, जिनके तीन शैक्षणिक सत्र में 200 दिन का शिक्षण अनुभव पूरा नहीं हुआ है। उन्हें दस्तावेज सत्यापन के समय अनुभव प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
ये है पूरा मामला
बता दें कि, साल 2018 और 2023 की उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती और प्राथमिक शिक्षक भर्ती में काउंसलिंग के समय 200 दिवस और तीन सत्रों का अतिथि शिक्षक अनुभव प्रमाण पत्र मांगा जाता था। लेकिन इस बार माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025 के लिए ईएसबी के पोर्टल पर आवेदन के समय ही अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड करने की अनिवार्यता कर दी गई थी। जिसके बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी और ईशान सोनी ने कोर्ट में दलील दी कि परीक्षा रूल बुक की धारा 12(6) के अनुसार योग्यता से जुड़े दस्तावेज काउंसलिंग के समय जमा किए जा सकते हैं।
याचिकाकर्ताओं के तर्क
इससे पहले 2023 की भर्ती में 31 मार्च 2024 तक प्रमाण पत्र जमा करने की छूट थी। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि नया नियम संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 का उल्लंघन करता है। भर्ती अधिसूचना में भी ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था कि अनुभव प्रमाण पत्र केवल आवेदन के समय ही स्वीकार किया जाएगा।
न्यायालय का फैसला
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति द्वारिकाधीश बंसल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अधीन कर दिया। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अतिथि शिक्षकों को बिना अनुभव प्रमाण पत्र “YES” विकल्प चुनकर आवेदन करने की अनुमति होगी।
इन्हें मिलेगा फैसले का लाभ
200 दिन और तीन सत्रों की न्यूनतम अनुभव शर्त को वर्तमान शैक्षणिक सत्र में पूरा करने वाले अतिथि शिक्षकों को इस फैसले का लाभ मिलेगा। उनका प्रमाण पत्र दस्तावेज सत्यापन के समय ही लगेगा। इस नई अनिवार्यता के कारण आवेदन नहीं कर पाने वाले अतिथि शिक्षक अब बिना प्रमाण पत्र अपलोड किए आवेदन कर सकेंगे।
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