
अशोक गौतम भोपाल। प्रदेश में अब गरीबों को रुपए की तरह एटीएम से राशन भी मिलेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस तरह की मशीन भोपाल के ऐशबाग में लगाई गई है। कलेक्टर कुछ और स्थानों की पहचान करेंगे, जहां इसे लगाया जा सके। इससे हितग्राही अपने हिस्से का अनाज चौबीसों घंटे निकाल सकेंगे। मशीन से अनाज वितरण के सकारात्मक परिणाम आने के बाद इसे धीरे- धीरे सभी जिलों में लगाया जाएगा।
ज्ञात हो कि फूड एटीएम लगाने के लिए खाद्य विभाग का एक दल उत्तरांचल गया था। वहां एटीएम लगाने वाली कंपनी और वहां के खाद्य अधिकारियों से चर्चा की और खाद्यान्न वितरण की व्यवस्थाओं का अध्ययन भी किया है। बताया जाता है कि कंपनी सरकार को कुछ और मशीनें देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए सरकार को कंपनी से अनुबंध करना जरूरी होगा। कंपनी मशीन लगाने के साथ-साथ कुछ समय तक संचालित करने का भी काम करेगी।
इन जिलों में लगेगा एटीएम : भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर, उज्जैन, सहित अन्य संभागों में मशीन लगाने की तैयारी की जा रही है।
थंब इंप्रेशन से ऑपरेट होगी
हितग्राही थंब इंप्रेशन लगाकर एटीएम मशीन से अनाज निकाल सकेंगे। इसके लिए हितग्राही को अपना आधार नंबर, मोबाइल और राशन कार्ड लिंक कराना होगा। मशीन पूरी तरह से टच स्क्रीन होगी, जिसके जरिए हितग्राही ऑपरेट कर सकेंगे। मशीन संचालन के संबंध में हितग्राहियों को प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे। इसको ऑपरेट करने हितग्राही को एक कोड भी दिया जाएगा।
कमियों को दूर करने के निर्देश
भोपाल में ये मशीन ऐशबाग में लगाई गई है। कमियां दूर होने के मशीनों को बाजारों में बिना किसी ऑपरेटर के संचालन के लिए लगाया जाएगा। वर्तमान में यह मशीन एक राशन की दुकान पर रखी गई है।
बनाना होगा प्लेटफॉर्म
फूड एटीएम के लिए सरकार को डिपो पर मशीन लगाने के लिए प्लेट फॉर्म बनाना होगा। जिससे मशीन से अनाज सीधे हितग्राही के बैग में गिरे। अभी मशीन से तुला हुआ अनाज एक बर्तन में गिरता है और उसे हितग्राही को अपनी बैग में भरना होता है।
पहले चरण में सभी महानगरों में फूड एटीएम लगाने की योजना है। ट्रायल के तौर पर एक मशीन भोपाल में लगाई गई है। इसे राशन दुकान संचालक के जरिए संचालित किया जा रहा है। मशीन में कुछ कमियां सामने आई हैं। इन्हें दूर करने के लिए कंपनी को कहा गया है। कमियों को दूर करने के बाद ही महानगरों में ये मशीनें लगाई जाएंगी। –दीपक सक्सेना, कमिश्नर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग