नई दिल्ली। एनडीए (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी) और नेवल अकादमी में अब लड़कियों को भी दाखिला मिल सकेगा। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उसने लड़कियों को एनडीए के जरिए सेना में स्थायी कमीशन देने का फैसला लिया है। वहीं सरकार के इस फैसले पर उच्चतम न्यायालय ने खुशी जाहिर की है। कोर्ट ने सरकार से लिखित हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है।
18 अगस्त को हुई थी सुनवाई
बता दें कि एनडीए में अब तक लड़कियों को दाखिला नहीं दिया जाता था। इसमें सिर्फ लड़कों को दाखिला मिलता है। इसी भेदभाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई थी। इस पर सुनवाई करते हुए 18 अगस्त को कोर्ट ने आदेश दिया था कि इस साल होने वाली एनडीए इंट्रेंस एग्जाम में लड़कियों को शामिल होने दिया जाए। वहीं इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि दाखिले पर अंतिम फैसला बाद में लिया जाएगा।
कोरोना के कारण हुई परीक्षा में देरी
18 अगस्त के बाद बुधवार को कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से कहा कि मैं एक अच्छी खबर देना चाहती हूं। सरकार ने मंगलवार को ही निर्णय लिया है कि अब लड़कियों को NDA और नेवल एकेडमी में प्रवेश मिलेगा। लेकिन हम अनुरोध करना चाहते हैं कि इस साल की परीक्षा को लेकर यथास्थिति बनी रहने दी जाए। यह परीक्षा जून में होनी थी लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। परीक्षा में इसी साल बदलाव से काफी समस्याएं आएंगी।
लिखित हलफनामा दाखिल करें
सरकार के इस निर्णय पर कोर्ट ने खुशी जाहिर की है। 2 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस संजय किशन कौल ने इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि हमें खुशी है कि सेना ने खुद ही इस दिशा में पहल की है। जस्टिस ने कहा कि सेना का सम्मान है, लेकिन उसे लैंगिक समानता को लेकर बहुत कुछ करने की जरूरत है। लड़कियां जो भूमिका निभा रही हैं, उसके महत्व को समझा जाना चाहिए। अगर यह निर्णय पहले लिया गया होता, तो हमें कोई आदेश देने की जरूरत नहीं पड़ती। कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वह सरकार की तरफ से लिए गए निर्णय पर लिखित हलफनामा दाखिल करें।
कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आप 20 सितंबर तक हलफनामा दाखिल कर बताएं कि याचिका में उठाए गए मुद्दों को लेकर क्या किया जा रहा है। हम इस मामले की अब 22 सितंबर को अगली सुनवाई करेंगे। तब आपके अनुरोध पर भी विचार किया जाएगा।