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अब तानसेन की जाति को लेकर विवाद, तथ्य सामने लाने जांच समिति गठित करने की मांग

अर्पण राऊत-ग्वालियर। प्रख्यात संगीतज्ञ तानसेन की जाति को लेकर 11 साल पहले शुरु हुई गफलत अब विवाद खड़ी कर रही है। तानसेन का इतिहास में रामतनु पांडे नाम दर्ज है, लेकिन पूर्व सांसद के पत्र में पाल समाज के लोगों को तानसेन का वंशज बताया था। अब उनकी जाति और वंशजों को लेकर पंडा-पोथी और इतिहासकारों की कमेटी बनाकर पुख्ता साक्ष्य के साथ ये विवाद खत्म करने की मांग की गई है। तानसेन समारोह हर साल की भांति 15 दिसबंर को शुरू होने जा रहा है।

इससे पहले आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी जब स्वयं मौके पर बेहट पहुंचे तो वहां पाल-बघेल समाज के लोगों से तानसेन के वंशजों और जाति को लेकर कहा सुनी हो गई। आशीष ने इतिहास खंगाला तो स्पष्ट था कि तानसेन का नाम रामतनु पांडे था। जब पाल बघेल समाज की गफलत को लेकर पड़ताल की तो मालूम हुआ कि साल 2013 में तत्कालीन सांसद यशोधरा राजे ने भाजपा नेता गंगाराम बघेल की मांग पर सीएम को पत्र लिखकर पाल-बघेल समाज को वंशज बताकर उनका सम्मान करने की मांग की थी।

संगीत सम्राट तानसेन की विरासत को सहेजने के लिए जो भी प्रशासनिक प्रयास हैं, वह किए जाएंगे। ऐतिहासिक प्रमाण आदि के लिए इनटेक नाम से एक संस्था है, जिसके जरिए प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। – रुचिका चौहान, कलेक्टर

तानसेन पाल-बघेल समाज के ही थे। हमारे अनुरोध पर ही तत्कालीन सांसद ने सीएम को पत्र लिखा था। विवाद की वजह से तानसेन की बेहट की प्रतिमा पर उनका सरनेम नहीं लिखा है। – गंगाराम बघेल, भाजपा नेता

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