
राजीव सोनी-भोपाल। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में मालवा-निमाड़ की 8 सीटों पर 13 मई को होने वाले मतदान को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश की सियासत में यह अंचल हमेशा ही निर्णायक भूमिका अदा करता रहा है। आठ में से रतलाम, धार और खरगोन सीट दोनों ही दलों के लिए अहम हैं। छह महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों से रतलाम-धार में कांग्रेस उत्साहित है जबकि भाजपा इन सीटों पर नए चेहरोें के साथ उतरी है।
आदिवासी वोटर्स यहां निर्णायक स्थिति में हैं। भाजपा ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस की तरफ से प्रचार के लिए राहुल-प्रियंका की चुनावी सभाएं प्लान की गई हैं। भाजपा ने इस बार धार को ‘आकांक्षी’ की श्रेणी में रखा है। 2019 के चुनाव में अंचल की आठों सीटों पर भाजपा ही काबिज हुई थी। विधानसभा 2023 में ट्राइबल सीटों के बदलते रुख को लेकर हाईकमान रिस्क नहीं लेना चाहता।
आदिवासी वोटर्स को गुजरात से बुलाने के प्रयास
मालवा-निमाड़ की आठों इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, धार, देवास, रतलाम, खंडवा और खरगोन सीट पर भाजपा बढ़त बनाए हुए है। रतलामझा बुआ में भाजपा ने प्रदेश के वनमंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता नागर सिंह को उम्मीदवारी सौंपी है जबकि कांग्रेस की तरफ से दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया अपनी पूरी टीम के साथ ताल ठोक रहे हैं। भाजपा को इस बार यहां तगड़ी चुनौती मिल रही है। काम की तलाश में गुजरात गए क्षेत्र के आदिवासी वोटर्स को वापस बुलाने के प्रयास भी हो रहे हैं।
बात विस चुनाव के नतीजों की
इस अंचल की 66 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने करीब 20 सीटों पर सफलता पाई थी। इनमें से ज्यादातर ट्राइबल बहुल सीटें हैं। भाजपा को रतलाम और धार लोकसभा की आठ-आठ विस सीटों में से 3-3 पर ही संतोष करना पड़ा था। यही वजह है कि कांग्रेस यहां सेंधमारी और भाजपा बढ़त बनाए रखने के लिए पसीना बहा रही है।
धार का मुकाबला दिलचस्प
धार में पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर और युवक कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके राधेश्याम मुवेल के बीच मुकाबला है। भाजपा ने यहां कांग्रेस के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी को अपने पाले में मिला लिया है। कांग्रेस खेमे के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार इसी क्षेत्र से हैं। कांग्रेस के आदिवासी नेता, विधायक, जयस के संस्थापक हीरालाल अलावा भी पूरी ताकत से जुटे हैं।
खरगोन: भाजपा ने जयस नेता पर लगाया है दांव
खरगोन-बड़वानी संसदीय क्षेत्र में भाजपा विधानसभा चुनाव से ही बढ़त पर है। भाजपा की ओर से मौजूदा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ही मैदान में है, कांग्रेस ने यहां शासकीय कर्मचारी रहे पोरलाल खरते को उम्मीदवारी सौंपी है। खरते आदिवासी संगठन जयस में काफी सक्रिय रहे हैं। इसलिए कांग्रेस को उनसे आदिवासी वोट बैंक में सेंधमारी की उम्मीद है। इस बार हाईप्रोफाइल इंदौर सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद शंकर लालवानी के मुकाबले में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अंतिम क्षणों में पाला बदल लिया है। इसलिए इंदौर का चुनाव इकतरफा भाजपा के पक्ष में हो चुका है।
2019 में भाजपा की जीत का अंतर
इंदौर 5.47 लाख
देवास-शाजापुर 3.72 लाख
मंदसौर 3.76 लाख
उज्जैन 3.63 लाख
खंडवा 2.73 लाख
खरगोन 2.02 लाख
धार 1.56 लाख
रतलाम 90.63 हजार