
हेल्थ डेस्क। स्मोकिंग यानी धूम्रपान जानलेवा है, ये बात सभी जानते हैं फिर भी लोग लगातार इसका सेवन करते हैं। धूम्रपान करने से एक दिन ऐसी स्थिति आ जाती है कि शरीर बीमारियों से घिर जाता है और फिर जीवन संकट में पड़ जाता है। स्मोकिंग एक ऐसी आदत है, जिसका नुकसान सिर्फ पीने वाले को ही नहीं, बल्कि आसपास रहने वालों को भी झेलना पड़ता है। लेकिन क्या आपको पता है कि स्मोकिंग लंग्स डैमेज करने के साथ ही बांझपन की भी वजह बन सकती है। ये डेटा जानकार आपको हैरानी होगी कि हर साल 80 लाख लोगों की मौत स्मोकिंग के कारण हो जाती है।
फर्टिलिटी पर बुरा असर डालती है स्मोकिंग
कई लोगों के लिए स्मोकिंग करना टेंशन रिलीज करने का जरिया बन गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि सिगरेट में तंबाकू होता है, जिसमें एक पदार्थ निकोटिन होता है और यही एडिक्शन की वजह बनता है। सिगरेट के धुएं के माध्यम से हमारी बॉडी में गहरा असर पड़ता है। लेकिन अब यही लत बांझपन का कारण बन सकती है। स्मोकिंग से फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है। अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है, तो उस दौरान स्मोकिंग करने से बच्चे की सेहत प्रभावित होती है। अगर प्रेग्नेंट नहीं हैं, तो आगे चलकर कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है।
धूम्रपान से हर साल 80 लाख लोगों की मौत
धूम्रपान करने से कई गंभीर स्वास्थ्य बीमारियां होती हैं। फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। धूम्रपान करने वाले लोगों के संपर्क में आने से भी अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता हैं। WHO के अनुसार, धूम्रपान से दुनियाभर में हर साल 80 लाख से ज्यादा मौतें होती हैं।
इस साल की थीम
हर साल मार्च महीने के दूसरे बुधवार को धूम्रपान निषेध दिवस यानी ‘नो स्मोकिंग डे’ मनाया जाता है। साल 2024 की थीम बच्चों को तंबाकू प्रोडक्ट्स से बचाना है। बता दें कि धूम्रपान निषेध दिवस (No Smoking Day) पहली बार साल 1984 में आयरलैंड गणराज्य में मनाया गया था। इसके बाद से यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों में यह एक वार्षिक कार्यक्रम की तरह मनाया जाता है।
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