
मध्यप्रदेश में लंपी वायरस के लक्षण मिलने से दहशत का माहौल है। रतलाम जिले के 2 गांवों के मवेशियों में लंपी वायरस के लक्षण मिलने के बाद पशु चिकित्सा विभाग की चिंता बढ़ गई है। जिले के सेमलिया और बरबोदना गांव में एक दर्जन से अधिक गायों के शरीर पर छोटी-छोटी गठाने होकर घाव बन गए हैं। फिलहाल पशु चिकित्सा विभाग ने गायों में लंपी वायरस की पुष्टि नहीं की है। विभाग ने लक्षण वाले पशुओं के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। पशुओं को आइसोलेट कर उनका इलाज किया जा रहा है।
पशु चिकित्सा विभाग ने जारी की एडवाइजरी
पशु चिकित्सा विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। वायरस के लक्षण वाले पशुओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे जाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि राजस्थान से मवेशियों को लाने ले जाने पर रोक लगाई जाएगी। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में लंपी वायरस फैल रहा है, वहां सैंपलिंग कर पशुपालकों को समझाइश दी जाएगी।
लंपी वायरस को ऐसे पहचाने
पशु चिकित्सकों से मिली जानकारी के अनुसार, लंपी वायरस की चपेट में आने पर पशु को बुखार आ जाता है। आंख एवं नाक से स्राव, मुंह से लार निकलती है, शरीर में गांठ जैसे नरम छाले पड़ जाते हैं। पशु दूध देना बंद कर देता है। गर्दन और सिर के पास गाठें दिखाई देती हैं। बता दें कि ये बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती है।
इसलिए खतरनाक है ये बीमारी
लंपी वायरस इसलिए बेहद खतरनाक है क्योंकि, पशुओं के संक्रमित होने के लगभग 6 से 7 दिन बाद इस वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं। तब तक संक्रमित पशु के संपर्क में आने से अन्य पशु भी संक्रमित हो जाते हैं। यही कारण है कि लंपी वायरस को लेकर अब सतर्क रहने की आवश्यकता है।
राजस्थान से आया खतरनाक वायरस
राजस्थान से आए खतरनाक लंपी वायरस ने मध्यप्रदेश को भी चपेट में ले लिया है। बता दें कि राजस्थान में लंपी वायरस फैलने से हजारों की तादाद में गायों की मौत हो गई है। दरअसल, लंपी वायरस मुख्य रूप से पशुओं में होने वाली एक बीमारी है, जो इन दिनों भारत देश में तेजी से अपने पैर पसार रहा है।