
बर्लिन। भारत समेत दुनियाभर से अभी कोरोना का संकट पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ है। इस बीच वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगली महामारी फैलने की वजह फ्लू वायरस हो सकती है। फ्लू वायरस का कोई एक प्रकार घातक संक्रामक बीमारी के वैश्विक प्रकोप का कारण होगा। जर्मनी की कोलोन यूनिवर्सिटी में किए गए एक अध्ययन में इसको लेकर दावा किया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन्फ्लूएंजा अभी भी वैश्विक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी एवियन स्ट्रेन जैसे इन्फ्लूएंजा के फैलने की आशंका जताई है।
अगले सप्ताह बार्सिलोना में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज (ईएससीएमआईडी) कांग्रेस में इस अध्ययन को प्रस्तुत किया जाएगा। इसबीच डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि मौसमी फ्लू सिर्फ सर्दियों में होने वाली परेशानी नहीं है। हर साल फ्लू दुनिया भर में अनुमानित 1 अरब लोगों को प्रभावित करता है, जिनमें से लाखों लोग गंभीर जटिलताओं से पीड़ित होते हैं। इससे भी बुरी बात यह है कि यह हर साल सैकड़ों-हजारों लोगों की जान ले लेता है।
वैज्ञानिकों ने डिसीज एक्स को लेकर दी चेतावनी
वैज्ञानिकों के अनुसार, अज्ञात डिसीज एक्स वायरस को इन्फ्लूएंजा के बाद अगले सबसे संभावित महामारी पैदा करने वाले वायरस के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वायरस का एक नया स्ट्रेन कोविड-19 की तरह अचानक सामने आ सकता है, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले ली और अभी भी खतरा बना हुआ है।
अमेरिका के कुछ हिस्सों में फैल रहा एच5एन1 वायरस
ये चेतावनी डब्ल्चूएओ द्वारा अमेरिका के कुछ हिस्सों में तेजी से फैल रहे इन्फ्लूएंजा के एच5एन1 प्रकार के खतरनाक प्रसार के बारे में चिंता जताने के बाद आई है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनियाभर के 57 फीसदी वरिष्ठ रोग विशेषज्ञ अब मानते हैं कि इन्फ्लूएंजा वायरस का एक प्रकार घातक संक्रामक बीमारी के अगले वैश्विक प्रकोप का सबसे संभावित कारण है।
एच5एन1 वायरस से संक्रमित मरीज की मौत का खतरा
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, डेटा इस बात पर प्रकाश डालता है कि 2003 के बाद से एच5एन1 वायरस से संक्रमित प्रत्येक 100 रोगियों में से 52 की मृत्यु हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु दर 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है। यह दर वर्तमान कोविड- 19 मृत्यु दर से तुलनात्मक रूप से बहुत अधिक है। कोविड-19 से होने वाली मौत का आंकड़ा 0.1 प्रतिशत है।
कोरोना से 100 गुना ज्यादा हो सकता है खतरनाक : फार्मास्युटिकल कंपनी के सलाहकार जॉन फुल्टन के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि यह कोविड से 100 गुना अधिक खराब है।