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बिना पानी 1 माह तक नहीं खराब होगी मूंगफली की नई वैरायटी

ग्वालियर के कृषि वैज्ञानिक ने तैयार की है आरवीजीएन-101

आशीष शर्मा-ग्वालियर। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि ग्वालियर कॉलेज के वैज्ञानिक डॉ. आरएस सिकरवार ने मूंगफली की विशेष किस्म (आरवीजीएन- 101) तैयार की है। यह विशेष इसलिए है कि यह देश की पहली किस्म है, जिसे अगर 30 से 35 दिन तक पानी नहीं दिया जाए तो यह न सूखेगी और न खराब होगी।

उल्लेखनीय है कि अमूमन फसल में अगर 10 से 15 दिन तक पानी नहीं दिया तो वह सूखने लगती है। डॉ. आरएस सिकरवार ने जानकारी देते हुए बताया कि आरवीजीएन-101 रोजेट, तना सड़न, काली फफूंदी जैसे रोग के प्रति सहनशील है। सिकरवार ने बताया कि प्रदेश के कृषि विभाग ने मूंगफली की इस नई किस्म को मान्यता प्रदान कर दी है। अब इस नई किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में मान्यता के लिए भेजा गया है।

यह हैं खासियतें

  • प्रति हेक्टेयर 32 क्विंटल उपज
  • 105 से 107 दिन में तैयार होगी।
  • प्रोटीन की मात्रा 30 फीसदी।
  • ऑयल की मात्रा 49 फीसदी।
  • प्रति हेक्टेयर 15 क्विंटल ज्यादा उपज देगी।
  • आरवीजीएन 101 से पहले वर्ष 2009 में मूंगफली की किस्म जीएन-23 आई थी। इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 17 से 18 क्विंटल थी, लेकिन आरवीजीएन-101 प्रति हेक्टेयर 32 क्विंटल उपज देती है। यानि देखा जाए तो उपज के मामले में नई वैरायटी आरवीजीएन-101 किस्म जीएन-23 से बेहतर है।

अधिक उपज मिलेगी

आरवीजीएन-101 मूंगफली की देश की पहली किस्म है, जिसे 30 से 35 दिन तक पानी नहीं मिले तो यह न तो सूखेगी और न खराब होगी। इसकी पैदावार 1 हेक्टेयर में 32 क्विंटल है, जो वर्ष 2009 में आई किस्म से 15 फीसदी अधिक है। इस किस्म को तैयार करने में आईसीएआर जूनागढ़ के पूर्व डायरेक्टर डॉ. राधाकृष्ण, डॉ. केके पांडे, डॉ. एकता जोशी का सहयोग रहा है। -डॉ. आरएस सिकरवार, कृषि वैज्ञानिक, ग्वालियर कॉलेज

कृषि कॉलेज ग्वालियर के वैज्ञानिक डॉ. आरएस सिकरवार ने मूंगफली की विशेष और देश की पहली वैरायटी तैयार की है, जो एक महीने तक बिना पानी खराब नहीं होगी। इससे उपज अधिक मिलेगी, प्रोटीन और तेल का प्रतिशत भी ज्यादा है। -डॉ. संजय शर्मा, डीआरएस, कृषि विवि ग्वालियर

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