
हेमंत नागले, इंदौर। नगर निगम आयुक्त हर्षिता सिंह द्वारा पार्षद पति को बैठक से बाहर कर दिया गया। दरअसल, नगर निगम विधानसभा क्रमांक 2 के पार्षदों का एक दल नगर निगम कमिश्नर से मिलने पहुंचा था। इस दौरान वार्ड क्रमांक 18 के पार्षद पति बैठक में पहुंच गए। जिसके बाद निगम आयुक्त हर्षिता सिंह ने पार्षद पति से कहा कि, मैं आपकी एक नहीं सुनूंगी, पार्षद मैडम कहां हैं और उन्हें बाहर जाने को कह दिया।
निगम आयुक्त ने कही ये बात
इंदौर नगर निगम विधानसभा क्रमांक 2 के सभी पार्षद निगमायुक्त से अपनी समस्याओं को लेकर मिलना चाहते थे। विधायक रमेश मेंदोला ने नगर निगम कमिश्नर से सभी पार्षदों को अपनी-अपनी समस्या निगम कमिश्नर के सामने रखने के लिए यह बैठक निगम कमिश्नर से बात करके बुलाई थी। जिसमें वार्ड क्रमांक 18 के पार्षद पति इस बैठक में पहुंच गए थे। इस दौरान उन्होंने जैसे ही अपना परिचय देते हुए निगमायुक्त से कहा कि वह पार्षद पति हैं। निगमायुक्त द्वारा भरी मीटिंग में उन्हें टोकते हुए कहा कि, मैं आपकी एक नहीं सुनूंगी, पार्षद मैडम कहां हैं। पार्षद के लिए यह बैठक है आपके लिए नहीं और क्या आप उनकी जगह फाइलें साइन करेंगे। जिसके बाद उन्हें बैठक से बाहर कर दिया गया।
#इंदौर : निगम आयुक्त #हर्षिता_सिंह ने पार्षद पति को बैठक से किया बाहर। कहा- मैं आपकी एक नहीं सुनूंगी, पार्षद मैडम कहां हैं… फाइल पर क्या आप साइन करेंगे। समस्याओं को लेकर निगम कमिश्नर से मिलने पहुंचा था नगर निगम विधानसभा क्रमांक 2 के पार्षदों का दल।@advpushyamitra… pic.twitter.com/pZgjLYAfq1
— Peoples Samachar (@psamachar1) June 23, 2023
निगमायुक्त ने पार्षद पति को क्यों किया बाहर
इस पूरी घटना के बाद जब निगम आयुक्त हर्षिका सिंह ने अन्य पार्षद दलों से जब चर्चा की तो उन्होंने बताया कि, वह जिस समय जबलपुर में थी उस वक्त एक सरपंच पति अक्सर बैठकों में आया करते थे। सरपंच उनकी पत्नी थी। सरपंच पति ने कुछ ऐसा कारनामा किया कि कुछ वर्षों बाद सरपंच को उसका खामियाजा भुगतना पड़ा और उन्हें जेल जाना पड़ा इस कारण से वह चाहती हैं कि, जो पार्षद है वही बैठक में आए और अपनी समस्या सीधे निगमायुक्त को बताएं।