
नई दिल्ली। नया टेलीकम्युनिकेशन बिल गुरुवार को राज्यसभा से भी पास हो गया। बीते दिन बुधवार को यह बिल ध्वनिमत से लोकसभा से पास किया गया था। अब इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की मुहर लगना बाकी है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही फर्जी सिम खरीदने वालों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
इस बिल में प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति फर्जी सिम खरीदता है तो उसे 3 साल की जेल और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ ही इस बिल में कंपनियों को कहा गया है कि वह ग्राहकों को सिम देने से पहले उनकी अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करेंगे।
भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह लेगा नया बिल
नया टेलीकम्युनिकेशन बिल अंग्रेजों द्वारा बनाए गए 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह लेगा। इस विधेयक को देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लाया गया है। इसके जरिए किसी भी देश या व्यक्ति के टेलीकॉम सेवा से जुड़े उपकरणों को सस्पेंड या रोक लगाई जा सकेगी। वहीं, युद्ध जैसी स्थिति में इस विधेयक के जरिए मोबाइल सेवाओं और नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रावधान दिया गया है। इसके अलावा इस विधेयक में सेटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन की नीलामी को लेकर भी कई प्रावधान किए गए हैं।
विज्ञापन के लिए यूजर से लेनी होगी अनुमति
इस बिल को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये विधेयक जनता के हित में, सार्वजनिक आपातकाल के मामले में संदेशों के प्रसारण को रोकने का अधिकार देता है। इसके साथ ही नए बिल में मोबाइल यूजर की सबसे बड़ी शिकायत प्रमोशनल कॉल्स को लेकर रहती है। आपको भी वक्त-बेवक्त क्रेडिट कार्ड और लोन लेने के लिए फोन आते होगें। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार ने बिल में प्रावधान किया है। इस बिल में कहा गया है कि ऐसे प्रमोशनल कॉल और मैसेज भेजने से पहले यूजर की अनुमति लेनी होगी। विधेयक में ओवर द टॉप (OTT) या इंटरनेट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग को दूरसंचार की परिभाषा में नहीं रखा गया है।