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आप भी जानिए, 3700 किलो खिचड़ी से कहां बनेगा नया विश्व रिकार्ड….? जिस हांडी में बनी खिचड़ी, वह भी अचरज का विषय

भोपाल। राजधानी के नाम एक नया विश्व रिकॉर्ड होने जा रहा है। हालांकि टीम की कोशिश थी कि एक ही बर्तन (हंडी) में 3700 किलो खिचड़ी बनाने का कारनामा पूरा हो जाए, लेकिन एक ही बर्तन में 2960 किलो खिचड़ी ही बन सकी। इसके बाद भी भोपाल के अवधपुरी इलाके में स्थित आधारशिला कॉलोनी स्थित साईं मंदिर में ये नया रिकॉर्ड बन गया।  गिनीज बुक में इस कीर्तिमान को दर्ज कराने में कोई बाधा न आए, इसलिए प्रशासन की टीम ने यहां साईं के प्रसाद के तौर पर बनी खिचड़ी की मात्रा के साथ साथ गुणवत्ता की भी जांच की। रिकॉर्ड बुक की बात करें तो फिलहाल एक ही हांडी में 1950 किलो खिचड़ी बनाने का कीर्तिमान ही दर्ज है, जो भोपाल में आज टूट गया है। प्रशासन की टीम अब इस आंकड़े को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड को भेजेगी।

साईं का प्रसाद पाने के लिए लगी लोगों की भीड़

350 किलो चावल और 1000 किलो सब्जियां लगीं

खिचड़ी बनाने में तकरीबन 350 किलो चावल, 1000 किलो सब्जियां, 60 किलो अरहर की दाल, 30 किलो अन्य दालें, 90 किलो तेल, दस किलो घी और 2000 लीटर से ज्यादा पानी का उपयोग किया गया। खिचड़ी पकाने में 6 क्विंटल से ज्यादा लकड़ियां भी लगीं। पच्चीस लोगों की टीम ने सुबह साढ़े 11 बजे खिचड़ी बनानी शुरू की, जो शाम चार बजे बनकर तैयार हुई। एक अनुमान के मुताबिक शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक खिचड़ी वितरण का कार्यक्रम जारी रहेगा और लगभग 15 हजार लोग साईं की इस खिचड़ी का स्वाद लेंगे।

हांडी का आकार भी अचरज का विषय

मंदिर में जिस हांडी में खिचड़ी पकाई गई उसका आकार और वजन भी लोगों के बीच अचरज का विषय है। यह हांडी खासतौर से गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री से बनवाई गई थी। इसमें एक बार में 12 हजार किलो भोजन बनाया जा सकता है और इसका वजन 2040 किलो है। लोहे की शीट से बनाई गई इस हांडी को 1 लाख 75 हजार रुपए में खरीदी गया था।

इसी विशालकाय हांडी में बनकर तैयार हुई सांई का ये अनूठा प्रसाद

एक दशक पुरानी है खिचड़ी की कहानी

मंदिर के संस्थापकों में से एक भेल में पदस्थ कर्मचारी रमेश महाजन सांई के अनन्य भक्त हैं। 2011 में जब सांई की सेवा का उनका संकल्प पूरा हुआ उस समय भी उन्होंने 11 हजार किलो खिचड़ी बनाकर बांटी थी, लेकिन उस समय गिनीज बुक की कोई जानकारी उन्हें नहीं थी, लिहाजा इसे रिकॉर्ड में दर्ज नहीं कराया जा सका । विगत 24 अप्रैल को महाजन जब भेल से रिटायर हुए तो उन्होंने 3700 किलो खिचड़ी बनाने का रिकॉर्ड बनाने की बात अपने साथी कमलेश नागपुरे से की। इसके बाद लोगों के सहयोग से इस काम को अंजाम दिया गया। हालांकि तय किए गए रिकॉर्ड से 740 किलो खिचड़ी कम बनी।

प्रशासन की टीम भी इस दौरान पूरे समय मौजूद रही

प्रशासन की टीम की मौजूदगी में बांटी खिचड़ी

साईं मंदिर परिसर में आज सुबह से ही उत्सव जैसा माहौल था। खिचड़ी के लिए लाई गई सब्जियां कल शाम से ही काटना शुरू कर दी गई थीं। सुबह से ही प्रशासन की टीम जिसमें खाद्य विभाग के अफसर भी शामिल थे, मंदिर पहुंच गए थे। इस टीम के सामने ही खिचड़ी बनाई और वितरित की गई। गुणवत्ता में कोई कमी न रहे इसलिए टीम ने खिचड़ी बनाने के दौरान हर एक गतिविधि का बारीकी से अवलोकन किया। प्रशासन की टीम अब अपने आंकड़ों को गिनीज बुक को भेजेगी, जिसके बाद औपचारिक तौर पर इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड के तौर पर जगह मिलने की संभावना है।

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