
राजीव सोनी, भोपाल। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा हाईकमान ने जिस तरह चुनौतीपूर्ण सीटों पर दिग्गज प्रत्याशियों को उतारकर चौंकाया, यह प्रयोग लोकसभा चुनाव में भी नजर आएगा। राजधानी भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर सहित सागर-विदिशा जैसे बड़े शहरों में भी चुनाव मैदान में नए चेहरे नजर आ सकते हैं। भाजपा हाईकमान ने प्रदेश की सभी 29 सीटों का सत्ता-संगठन के स्तर पर फीडबैक ले लिया है।
विधानसभा चुनाव के बाद मुरैना, दमोह, सीधी, जबलपुर और होशंगाबाद लोकसभा सीटें खाली हो चुकी हैं। मंडला से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सतना में सांसद गणेश सिंह विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। इनके अलावा कुछ संसदीय क्षेत्रों में भाजपा को विधानसभा में अपेक्षानुरूप जनसमर्थन नहीं मिला।
जहां के सांसद अब विधायक बने, वहां भी तलाश जारी
विस चुनाव हारने के बाद कुलस्ते और गणेश सिंह की लोकसभा चुनाव में फिर उम्मीदवारी को लेकर अभी तक पार्टी स्तर पर कोई संकेत नहीं हैं। जबलपुर के सांसद राकेश सिंह विस चुनाव जीतकर मंत्री बन चुके हैं। यही स्थिति दमोह से प्रहलाद पटेल और होशंगाबाद के राव उदयप्रताप सिंह की भी है। नरेंद्र सिंह तोमर(मुरैना) भी चुनाव जीतकर विधानसभा अध्यक्ष बन चुके हैं। सीधी से सांसद रहीं रीति पाठक भी चुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं।
एक दर्जन से अधिक सीटों पर भी बदलाव के संकेत
आरएसएस और सत्ता-संगठन के शुरूआती सर्वे के अनुसार भाजपा प्रदेश की एक दर्जन से अधिक सीटों पर नए चेहरे उतारेगी। इंदौर में परफॉर्मेंस पर जातीय समीकरण भारी पड़ा तो बदलाव टल सकता है। ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अथवा जयभान सिंह पवैया पर पार्टी दांव लगा सकती है। भोपाल में भी नए चेहरे की चर्चा है। खरगोन, भिंड और धार सीट पर भी बदलाव के प्रबल आसार हैं। यही स्थिति सागर और विदिशा को लेकर बन रही है।
पार्टी कम्फर्ट जोन में
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर बनने और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद आगामी चुनाव को लेकर भाजपा स्वयं को कम्फर्ट जोन में देख रही है। प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर भाजपा काबिज है ही। इस बार छिंदवाड़ा सीट को जीतने के लिए भी पार्टी ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
मोदी की गारंटी को जमीन पर उतारने वालों को मिलेगा टिकट
लोकसभा के प्रत्याशियों का फैसला पार्लियामेंट बोर्ड में होगा। यह भी सही है कि पांच सीटें रिक्त हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को जमीन पर उतारने में सक्षम कार्यकर्ताओं को ही टिकट मिलेगा। भाजपा हमेशा ही साफ-स्वच्छ छवि वाले प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारती है। – आशीष अग्रवाल, मीडिया प्रभारी, भाजपा मप्र.