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भोपाल में निकला चल समारोह, श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ दी मातारानी को विदाई, रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग झांकियां रहीं लोगों के आकर्षण का केंद्र

भोपाल। शारदीय नवरात्रि पर्व संपन्न होने के बाद बुधवार को राजधानी में विसर्जन घाटों पर मेले के जैसा नजारा दिखा। चल समारोह में श्रद्धालु डीजे और ढोल की थाप पर थिरकते नजर आए। इस दौरान जय अंबे गौरी के जयकारे गूंजते रहे। पुराने शहर में देर रात झिलमिल झांकियों का चल समारोह निकाला गया। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में हुजूम उमड़ पड़ा। इसके बाद बड़ी संख्या में मां दुर्गा की मूर्तियां प्रेमपुरा, खटलापुरा, कमलापति, हथाईखेड़ा, सीहोर नाका विसर्जन घाटों पर चल समारोह के रूप में पहुंचीं। बुधवार रात से लेकर गुरुवार सुबह तक विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा करके प्रतिमाएं विसर्जित करते हुए नजर आए।

झांकियों ने मन मोहा

150 गोताखोर घाटों पर मुस्तैद

शहर के छह घाटों पर बुधवार रात तक माताजी की करीब 1500 प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। चल समारोह की प्रतिमाएं अलग हैं। घाटों पर सुरक्षित विसर्जन कराने 150 से अधिक गोताखोरों को 8-8 घंटे शिफ्ट में नियुक्त किया है। ये जलकुंड से 20 फीट पहले ही प्रतिमाएं लेकर विसर्जित कर देते हैं। लोगों को पानी के पास नहीं पहुंचने दिया जा रहा है। कुंड की तुरंत सफाई भी की जा रही है। 2500 प्रतिमाएं गुरुवार तक विसर्जन का अनुमान है। देखें वीडियो…

घाटों पर सफाई के लिए 320 कर्मचारी तैनात

वहीं विसर्जन घाटों के अंदर में सफाई करने झील प्रकोष्ठ के 70 कर्मचारी तैनात हैं। बाहरी सफाई करने निगम की स्वास्थ्य शाखा से करीब 250 कर्मचारी आठ-आठ घंटे शिफ्ट में तैनात हैं। नगर निगम शुक्रवार तक घाटों पर प्रतिमा विसर्जन के लिए व्यवस्थाएं बनाए रखेगा। इसके लिए नोडल अधिकारी तय किए हैं।

घाटों पर सफाई करते कर्मचारी। फोटो- तरुण यादव।

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