
गृह मंत्रालय ने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। शराब घोटाले मामले में एलजी विनय सक्सेना भी केजरीवाल पर केस चलाने की इजाजत दे चुके हैं। दरअसल, नवंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने एक लॉ जारी किया था, जिसमे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए ED को मंजूरी लेनी होगी। ED ने पिछले साल PMLA कोर्ट में केजरीवाल को शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बताया। रिपोर्ट्स की माने तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ED को केजरीवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में PMLA के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति प्रदान की है।
झूठे मामलों के जरिए पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है- AAP प्रवक्ता
केस को मंजूरी मिलने के बाद AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा- यह देश के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे नेताओं को जेल भेजा गया। दोनों नेताओं को ट्रायल कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी, फिर भी 2 साल बाद मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई।’
इसके साथ आम आदमी पार्टी का आरोप है कि यह कार्रवाई चुनाव से पहले नेताओं को बदनाम करने के लिए की जा रही है। उन्होंने इसे ‘पुराना तरीका’ बताते हुए कहा कि झूठे मामलों के जरिए पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन जनता अब इस चाल को अच्छी तरह समझ चुकी है।
ED ने क्या कहा था?
ED ने आरोप लगाया था कि अपराध के वक्त अरविंद केजरीवाल ‘आप’ के प्रभारी थे। इस कारण उन्हें और पार्टी को PMLA के तहत दोषी मानते हुए मुकदमा चलाना और दंडित करना चाहिए।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की CBI जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ED ने 22 अगस्त 2022 को PMLA के तहत मामला दर्ज किया। यह CBI द्वारा 17 अगस्त 2022 को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर हुआ।