
भोपाल। शनिवार रात पूरी मध्यप्रदेश पुलिस एक साथ कॉम्बिंग गश्त पर उतरी। 17 हजार से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी एक समय पर प्रदेश भर में सड़कों पर निकले। इस एक्सरसाइज का उद्देश्य फरार अपराधियों की धरपकड़ और सभी स्थायी और गिरफ्तारी वारंट तामील कराते हुए आम जनता के मन में सुरक्षा की भावना जागृत करना था।
450 राजपत्रित अधिकारी भी शामिल हुए
डीजीपी सुधीर सक्सेना के निर्देश पर पहली बार प्रदेश भर की पुलिस इस तरह एक साथ सड़कों पर उतरी। इसमें सिर्फ टीआई और कॉन्सटेबल स्तर के पुलिसकर्मी नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के सभी जोनल एडीजी /आईजी, डीआईजी, एसपी, एसडीओपी, थाना प्रभारी तथा भोपाल और इंदौर पुलिस कमिश्नरेट के सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे। शनिवार रात हुई इस गश्त में 450 राजपत्रित पुलिस अधिकारी भी शामिल रहे। इसके अलावा कुल पुलिसकर्मी और अधिकारियों की संख्या तकरीबन 17 हजार थी।
रात दो बजे थाने पहुंचे DGP सुधीर सक्सेना
डीजीपी सुधीर सक्सेना खुद भी रात 2 बजे भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर के साथ हनुमानगंज थाना पहुंचे और कॉम्बिंग गश्त का जायजा लिया। रात 3 बजे उन्होंने सभी जोनल आईजी से बात कर उनके जिलों में कॉम्बिंग की जानकारी ली। पूरे प्रदेश की सड़कों पर एक साथ उतरी पुलिस देखकर जनता के मन में सुरक्षा और अपराधियों के मन में दहशत दिखी।
कॉम्बिंग से पहले दी गई ब्रीफिंग

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कॉम्बिंग गश्त के लिए सभी जिला मुख्यालयों पर ज्यादा से ज्यादा पुलिसबल को बुलाया गया। इसके बाद उनकी ब्रीफिंग की गई। ब्रीफिंग के बाद उन्हें अलग-अलग स्पॉट पर भेजा गया। डीजीपी सुधीर सक्सेना ने बताया कि सभी जिलों में कॉम्बिंग गश्त के दौरान रात भर में 9,500 वारंटी और अपराधी पकड़े गए। इसमें गिरफ्तारी वारंट के लगभग 6 अपराधी शामिल हैं। इनके अलावा 2,600 स्थाई वारंटी, 100 फरार वारंटी और 200 ईनामी बदमाशों के साथ ही 1,000 से अधिक अन्य अपराधी पकड़े गए।
शर्तों का उल्लंघन करते मिले जिलाबदर
कॉम्बिंग गश्त के दौरान जिलाबदर अपराधियों की भी जांच की गई। इसमें तकरीबन 1,000 से ज्यादा जिलाबदर अपराधियों की चेकिंग हुई। इस दौरान कुछ जिला बदर के अपराधी शर्तों का उल्लंघन करते हुए पाए गए। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।