मऊगंज। मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में डिजिटल अरेस्ट स्कैम में फंसी एक महिला टीचर ने जहर खा लिया। संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उन्होंने मौत हो गई। अनजान व्हाट्सएप कॉलिंग से पुलिस में शिकायत होने की धमकी देकर टीचर को डिजिटल अरेस्ट किया गया और फिर रुपए ऐंठे गए। महिला टीचर पर रुपए के लिए आरोपी द्वारा दबाव बनाया जा रहा था। जिससे तंग होकर महिला टीचर ने जहर खा लिया।
आखिर ऐसा क्या हुआ कि खाना पड़ा जहर?
महिला की पहचान मऊगंज जिले के घूरेहटा निवासी 35 साल की रेशमा पांडेय के रूप में हुई है। वह पेशे से टीचर थीं, लेकिन बीते दिन डिजिटल अटेस्ट स्कैम में बुरी तरह फंस गई। अनजान व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए साइबर ठगों ने इंडियन आर्मी और पुलिस की धौंस देकर स्कैम में फंसाया। ठग लगातार रुपए देने का दबाव बना रहे थे। रेशमा पांडेय के खाते में जितने रुपए थे ठगों को दिए, लेकिन जब रुपए खत्म हो गए तो जहर खा लिया।
रेशमा को डिजिटल अरेस्ट करने के बाद ठग उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहे थे। वीडियो कॉलिंग में धमकी देने के बाद कुछ वीडियो रिकॉर्डिंग भेजी गई थी, जिसमें पुलिस और आर्मी के बड़े अफसर दिखाई दे रहे हैं। हद तो तब हो गई कि जब रेशमा ने वीडियो कॉलिंग उठाना बंद कर दिया तो 2 दर्जन से अधिक बार फोन कॉलिंग की।
साइबर ठगों ने ऐंठे 22 हजार, फिर धमकी दी
महिला के देवर विनोद पांडे ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के समय रेशमा घर में अकेली थी। जिस वजह से वह किसी से मदद नहीं ले पाई। रेशमा ने साइबर ठगों को 22 हजार रुपए दिए थे, लेकिन इसके बाद ठग 50 हजार रुपए की डिमांड करने लगे। उन्होंने धमकी दी कि पुलिस और आर्मी घर आ रही है। पकड़कर ले जाएगी 50 हजार का जुर्माना और 2 साल की जेल होगी। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पुलिस बारीकी से जांच कर रही है।