
मकर संक्राति हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये साल का पहला त्यौहार भी है, इसलिए मकर संक्राति की हर जगह अलग ही धूम दिखाई देती है। ये त्यौहार नई फसलों की शुरुआत का उत्सव है। पूरे भारत समेत मध्यप्रदेश में मकर संक्रांति की धूम देखने को मिल रही है। इस अवसर पर श्रद्धालु सुबह से ही नर्मदा नदी और शिप्रा नदी के घाटों पर स्नान कर रहे हैं। मकर संक्रांति के पर्व पर चावल, हरी मूंग की दाल की खिचड़ी, पात्र, वस्त्र, भोजन आदि वस्तुओं का दान करने की परंपरा भी है, इसलिए उज्जैन में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य किया। वहीं आज के दिन मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।
भगवान महाकाल को तिल के तेल से कराया स्नान
उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी भगवान महाकाल को तिल के तेल से स्नान कराया गया और तिल्ली के पकवानों का भोग लगाया। भगवान को गुड़ और शक्कर से बने तिल के लड्डुओं का भोग लगाकर जलाधारी में भी तिल्ली अर्पित की। इसके साथ ही मंडला, खरगोन, खंडवा, जबलपुर, छिंदवाड़ा समेत कई जगहों पर श्रद्धालु स्नान कर भगवान की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। छिंदवाड़ा के गर्म कुंड में भी स्नान कर लोगों ने कुंडेश्वर भोलेनाथ की पूजा की।
सीएम ने दी मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
आज के इस खास दिन पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सूर्योपासन के पावन पर्व मकर संक्रांति की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। प्रकृति पूजन का यह पर्व आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा, उल्लास लेकर आए, भगवान सूर्यदेव आपको आरोग्यता और समृद्धि प्रदान करें, यही कामना करता हूं।
मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व
मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण हो जाता है, यानी सूर्य की दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर परिवर्तित होती है। उत्तरायण को देवताओं का दिन माना जाता है, जिससे इस अवधि को शुभ कार्यों के लिए बेहद खास माना गया है। इस दिन जप, तप, दान, स्नान आदि का विशेष महत्व है।
आज के दिन बनाई जाती है खिचड़ी
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने की परंपरा है। उत्तरप्रदेश और बिहार में मकर संक्रांति को ‘खिचड़ी पर्व’ भी कहते है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने के पीछे कई धार्मिक पौराणिक मान्यताएं हैं। खिचड़ी दाल, चावल और सब्जियों से मिलकर बनती है, जो संतुलित और पौष्टिक आहार है। सर्दियों में यह शरीर को गर्म और ऊर्जा प्रदान करती है। इसके साथ तिल-गुड़ का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना गया है। मकर संक्रांति के दिन तिल, चावल, दाल और खिचड़ी दान करने का विशेष महत्व है। इसे धार्मिक कार्य और पुण्य प्राप्ति का प्रतीक माना गया है।