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Ias Rakesh Sahni no more : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव राकेश साहनी का निधन, दिल्ली में ली अंतिम सांस

Former Ias rakesh Sahni no more :  मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव राकेश साहनी (Former MP CS Rakesh sahni ) का बुधवार सुबह 11 बजे दिल्ली में निधन हो गया। 1972 बैच के आईएएस ऑफिसर ने दिल्ली में अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। साहनी शिवराज सरकार में काफी अहम पदों पर रहे। तमाम बड़े प्रशासनिक फैसलों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। साहनी जनवरी 2006 से जनवरी 2010 तक प्रदेश के मुख्य सचिव रहे और रिटायरमेंट के बाद उनकी पोस्टिंग विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन पद पर कर दी गई। दिसंबर 2014 में उनका कार्यकाल पूरा हो गया था।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके निधन पर दुख जताया है। शिवराज ने ट्वीट किया- श्री राकेश साहनी जी अत्यंत कुशल, अनुभवी और अत्यंत परिश्रमी प्रशासक थे, जिन्होंने प्रदेश के प्रशासनिक फलक पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। 2006 से 2010 तक वह प्रदेश के मुख्य सचिव रहे। तत्कालीन समसामयिक चुनौतियों से निपटने व प्रदेश के सर्वांगीण विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। 

बेटी को पर बंधाया ढांढस

शिवराज को राकेश साहनी के निधन की खबर उनकी बेटी के जरिये मिली। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- दिवंगत राकेश साहनी जी की सुपुत्री से मेरी फोन पर चर्चा हुई है। बेटी को ढांढस बंधाया। ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूं कि बेटी और परिवार को यह गहन दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें। शिवराज ने कहा- राकेश साहनी जी की ऊर्जा क्षेत्र में पूरे देश में पहचान थी। शासन तथा प्रशासन के प्रत्येक आयाम में उनकी गहरी पकड़ एवं अध्ययन था। आज वह हमारे बीच नहीं रहे। राकेश जी का निधन मेरी व्यक्तिगत क्षति है। परमपिता परमात्मा उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। ।। ॐ शांति ।।

सरकार के कई बड़े फैसलों में शामिल रहे

शिवराज सरकार ने 2015 में उन्हें एनवीडीए का अध्यक्ष बनाया था। हालांकि, कमलनाथ सरकार ने साहनी को 2019 में एनवीडीए से हटा दिया था। कमलनाथ सरकार ने उनकी नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया था। साहनी पूर्ववर्ती शिवराज सरकार में काफी अहम अफसर रहे। कई बड़े ब्यूरोक्रेटिक फैसलों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वह शिवराज सरकार में कई बार संकटमोचक भी बने। उल्लेखनीय है कि वे जनवरी 2006 से जनवरी 2010 तक प्रदेश के मुख्य सचिव रहे और रिटायरमेंट के बाद उनकी पोस्टिंग विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन पद पर कर दी गई।

 

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