
मध्यप्रदेश में मंगलवार को कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी देखी गई है। पिछले 24 घंटे में 9,451 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। जो कि सोमवार की तुलना में 1,099 कम हैं। गौरतलब है कि कोरोना के नए मामलों में इंदौर से ज्यादा मामले राजधानी भोपाल में मिले हैं। यहां 2024 नए कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
कोरोना एक्टिव केस 70 हजार पार
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 8,467 कोरोना संक्रमित ठीक हुए हैं। वहीं 8 मरीजों की मौत हो गई है। वर्तमान में संक्रमण दर 13.07% है। वहीं कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 70,870 है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोरोना का रिकवरी रेट 90.06% है। पिछले 24 घंटे में 72,337 टेस्ट हुए हैं।
इन जिलों में कोरोना के नए केस
राजधानी भोपाल में 2024 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इंदौर में 1963 संक्रमित मिले हैं। यहां 3 मरीजों की मौत हुई है। जबलपुर में 840 केस मिले। यहां भी 3 मरीजों की मौत हुई है। बता दें कि ग्वालियर में 411, सागर में 208 नए मामले मिले हैं। यहां 1-1 मौत रिपोर्ट हुई है। होशंगाबाद में 247 नए संक्रमित मिले हैं।
दिग्विजय सिंह को हुआ कोरोना
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सोमवार को कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा- मुझे सर्दी जुकाम था। RT-PCR टेस्ट कराने पर कोविड पॉजिटिव आया है। संपर्क में आए लोगों से की टेस्ट कराने की अपील।
बूस्टर डोज को लेकर सख्त निर्देश
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने फ्रंट लाइन और हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए बूस्टर डोज लगवाना अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि ऐसा नहीं करने वालों का वेतन रोक लिया जाएगा। उन्हें वेतन तब ही मिलेगा, जब वे बूस्टर डोज लगवा लेंगे। हालांकि इस मामले में सख्ती दिखाते हुए कलेक्टर ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि वेतन तब ही जारी करें, जब संबंधित द्वारा बूस्टर का सर्टिफिकेट दिखाया जाए।
ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 की दहशत
प्रदेश के इंदौर शहर में ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 से दहशत का माहौल है। बता दें कि अरबिंदो मेडिकल कॉलेज की लैब ने ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट BA.2 की 21 मरीजों में पुष्टि की है। इनमें संक्रमित होने वाले 21 मरीजों में 1 माह, 2 माह, 7 साल, 10 साल और 17 साल के बच्चे भी शामिल हैं। सबसे अधिक उम्र वाले मरीज की उम्र 86 साल है। जानकारी के मुताबिक, जिन्होंने दोनों वैक्सीन की डोज लगवाई, उनमें संक्रमण का स्तर कम मिला और फेफड़े ज्यादा संक्रमित नहीं हुए हैं।