भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री रहे आरिफ अकील का सोमवार सुबह 72 साल की उम्र में निधन हो गया। भोपाल के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके विधायक बेटे आतिफ अकील ने बताया कि, रविवार शाम को सीने में दर्द की शिकायत होने पर अपोलो सेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा था।
आरिफ अकील भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रहे। वह दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रहे थे। उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण, जेल और खाद्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। एमपी कांग्रेस में उनकी गिनती दिग्गज नेताओं में होती थी। आरिफ अकील पहली बार 1990 में विधायक बने थे।
पिछले साल हुई थी हार्ट सर्जरी
आरिफ अकील की लंबे समय से तबीयत खराब चल रही थी। पिछले साल ही पूर्व मंत्री की हार्ट सर्जरी हुई थी। डॉक्टरों की जांच में उनके हार्ट में ब्लॉकेज पाए गए थे। गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में उनके हार्ट की सर्जरी हुई थी।
2023 में बेटे को दिलाया टिकट
आरिफ अकील ने बीमार रहने के चलते चुनावी मैदान में उतरने से इंकार कर दिया था। 2023 में कांग्रेस ने उनकी जगह उनके बेटे आतिफ अकील को भोपाल उत्तर से उम्मीदवार बनाया। आतिफ अकील भोपाल उत्तर से कांग्रेस विधायक हैं। आरिफ अकील भोपाल उत्तर विधानसभा से 6 बार विधायक रहे हैं। साथ ही दो बार मंत्री भी रह चुके हैं।
1990 में पहली बार विधायक चुने गए थे आरिफ
- आरिफ अकील ने 1972 में एक छात्र नेता के रूप में राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी।
- 1977 : आरिफ अकील को सैफिया कॉलेज छात्र समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उसी साल उन्हें मध्य प्रदेश के युवा कांग्रेस और एनएसयूआई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- 1990 : पहली बार आरिफ अकील उत्तर विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए। उन्होंने कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री हसानत सिद्दीकी को हराया था।
- 1993 : जनता दल पार्टी के बैनर तले उन्होंने चुनाव लड़ा, पर वे भाजपा के रमेश शर्मा से हार गए। एमपी वक्फ बोर्ड और बार काउंसिल के सदस्य भी बने।
- 1996 में उन्होंने दोबारा कांग्रेस को ज्वाइन कर लिया।
- 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से लड़े और भाजपा के रमेश शर्मा को हराया। इसके बाद उत्तर विधानसभा सीट आरिफ अकील का गढ़ ही बन गई।
- 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 तक वह लगातार कांग्रेस के टिकट पर उत्तर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे।
- 2023 में तबीयत खराब रहने के चलते कांग्रेस ने आरिफ की जगह उनके बेटे आतिफ अकील को भोपाल उत्तर से उम्मीदवार बनाया। आतिफ इस सीट से विधायक हैं।
गैस पीड़ितों के लिए बसाया कस्बा
भोपाल में 1984 में यूनियन कार्बाइड गैस लीक हादसे के बाद आरिफ अकील जनता के बीच अपनी छवि बनाने में कामयाब रहे थे। उन्होंने फैक्ट्री से कुछ दूरी पर एक कस्बा बसाया था, जिसका नाम आरिफ नगर है। इस जगह पर गैस त्रासदी के पीड़ित और उनके परिवारों को बसाया गया।
वह गैस पीड़ितों की मदद के लिए लगातार काम करते रहे हैं। आरिफ अकील ने गैस त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। भोपाल उत्तर सीट पर करीब 54 फीसदी मुस्लिम वोट हैं, लेकिन सिंधी समाज के वोटर भी अच्छे खासे हैं।
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