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मोहन कैबिनेट : मंत्रियों का इनकम टैक्स नहीं भरेगी मध्‍य प्रदेश सरकार, 52 साल पुराना नियम बदला; शहीदों के माता-पिता को भी मिलेगी आर्थिक सहायता

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। साल 2024-25 के बजट का प्रस्तुतीकरण किया गया। आज की कैबिनेट बैठक में बड़ा निर्णय लिया गया कि अब मंत्रियों का इनकम टैक्स प्रदेश सरकार नहीं भरेगी। मंत्री अब खुद अपना इनकम टैक्स जमा करेंगे। अभी सामान्य प्रशासन मंत्रियों के वेतन भत्ते पर लगने वाला आयकर भरता था।

सरकार ने 1972 का नियम बदला

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी नगरी प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी। उन्होनें बताया कि मध्य प्रदेश सरकार अब मंत्रियों का इनकम टैक्स नहीं जमा करेगी। इसका भुगतान अब खुद मंत्रियों को करना होगा। सरकार ने 1972 का यह नियम बदल दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में सीएम ने इसका सुझाव रखा है जिस पर सभी ने सहमति दी।

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शहीद की सहायता राशि में 50% माता-पिता को दी जाएगी

कैबिनेट में जेल सुधार में कैसे सुविधाएं बढ़ाई जाए और कैदियों को रोजगार से जोड़ा जाए इस दिशा में सरकार जल्दी विधानसभा में विधेयक लाएगी। साथ ही कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि शहीदों के माता-पिता को भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। अब जो भी सहायता राशि शहीद को दी जाती है उसकी 50% शहीद की पत्नी और 50% राशि माता-पिता को दी जाएगी। अभी तक यह पूरी राशि पत्नी को दी जाती थी, लेकिन कुछ ऐसे प्रकरण भी सामने आए जिसमें आश्रित माता-पिता को छोड़कर बलिदानी की पत्नी चली गई, जिससे उन्हें आगे का जीवनयापन में परेशानी का सामना करना पड़ा।

विकासखंड में होगी मिट्‌टी की टेस्टिंग

इसके अलावा कैबिनेट मीटिंग में फैसला किया गया मध्‍य प्रदेश के सभी विकासखंडों में स्थापित मृदा (मिट्टी) परीक्षण प्रयोगशालाओं का संचालन कृषि स्नातक और कृषि क्षेत्र में काम करने वाली सहकारी समितियां करेंगी। प्रत्येक विकासखंड में 45-45 नमूनों की जांच के लिए राशि सरकार की ओर से दी जाएगी। इसके बाद संचालनकर्ता स्वयं मृदा परीक्षण करेंगे और राशि प्राप्त करेंगे।

कैबिनेट के अन्य फैसले

  • बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मध्य प्रदेश के वे विद्यार्थी जो अन्य राज्यों के सैनिक स्कूल में पढ़ते हैं, उन्हें भी छात्रवृत्ति दी जाएगी।
  • रेलवे से जुड़ी परियोजनाओं के लिए प्रदेश में अब परिवहन के स्थान पर लोक निर्माण विभाग नोडल विभाग होगा और समन्वय का काम दिखेगा।
  • कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत पौधरोपण के लिए निर्धारित 10 हेक्टेयर क्षेत्र की सीमा नहीं रखी जाएगी यानी कोई संस्था दो हेक्टेयर में भी पौधरोपण करना चाहती है तो उसे भी अनुमति मिलेगी।

बजट प्रस्तावों पर लगी मुहर

एक जुलाई से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में मध्‍य प्रदेश की डॉ. मोहन सरकार का पहला पूर्ण बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इसके पहले आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में बजट प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। मप्र का वर्ष 2024-25 का बजट साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक का हो सकता है। इसमें प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व से संचालित सभी योजनाओं के लिए प्रविधान किए जाएंगे।

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