भोपालमध्य प्रदेश

MP Cabinet Meeting : स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर नीति को मंजूरी, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिसकर्मियों को मिलेगा विशेष भत्ता

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर पॉलिसी को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। इसके तहत नवनियुक्त शिक्षकों को अपने सेवाकाल में कम से कम 10 साल ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में ड्यूटी करना होगा। स्वैच्छिक स्थानांतरण होने पर तीन साल से पहले उस स्थान से नहीं हटाया जाएगा।

नई ट्रांसफर पॉलिसी को दी मंजूरी

राज्य सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कैबिनेट ने स्कूल शिक्षा विभाग की 2023-24 में प्रभावी नई ट्रांसफर पॉलिसी को सैंद्धातिक मंजूरी दी है। इसमें सभी संवर्ग के लिए स्थान और प्रक्रिया 31 मार्च से 15 मई के बीच पूरी की जाएगी। हालांकि मुख्यमंत्री ने अभी स्कूल शिक्षा मंत्री को व्यवहारिक पक्ष देखने को कहा है। इस नीति में पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा। इसमें पहले प्रशासनिक स्थानांतरण और फिर स्वैच्छिक स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जाएगी। नई नीति के तहत नवीन नियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल में अपने संपूर्ण सेवाकाल में 10 वर्ष कार्य करना होगा। उत्कृष्ट स्कूल, मॉडल स्कूल, सीएम राइज स्कूल में स्वैच्छिक स्थानांतरण नहीं होंगे।

पुलिसकर्मियों के लिए विशेष भत्ते को स्वीकृति

कैबिनेट की बैठक में नक्सल प्रभावित बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिले में तैनात नक्सल विरोधी दस्ता और हॉक फोस के पुलिसकर्मियों को विशेष भत्ता मंजूर किया गया है। इसके तहत अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ अन्य पुलिस अधिकारियों को विशेष भत्ते के रूप में मिलेगी।

5200 गांवों में शुरू होगी प्राकृतिक खेती

बैठक में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की योजना को मंजूरी दी गई। इसके तहत प्रदेश के 5200 गांव में प्राकृतिक खेती प्रारंभ की जाएगी। प्रत्येक जिले में 100 गांव का चयन होगा। इसमें 26 हजार हितग्राहियों को देसी गाय के पालन के लिए प्रतिमाह नौ सौ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। किसानों का पंजीयन होगा और उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

कैबिनेट के अन्य निर्णय

  • ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कैबिनेट ने होम-स्टे योजना में सब्सिडी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। रोजगार के लिहाज से भी यह निर्णय काफी महत्वपूर्ण है।
  • प्रदेश में पूर्व में लागू सौर,पवन,बायामास व लघु जल ऊर्जा आधारित विद्युत उत्पादन नीतियों को समाप्त कर उनके स्थान पर नवकरणीय ऊर्जा नीति-2021 को मान्य करने का निर्णय लिया गया है।
  • प्रदेश में अब आगामी नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का विकास इसी नीति के आधार पर किया जाएगा।
  • जनजातियों के लिए राजभवन में सचिवालय के लिए कर्मचारियों की स्वीकृति दी गई।
  • लोक परिसंपत्तियों के निवर्तन को मंजूरी प्रदान की।

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