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MP फिर बना टाइगर स्टेट, 785 बाघों के साथ देश में नंबर -1, कर्नाटक दूसरे और उत्तराखंड तीसरे स्थान पर

भोपाल। MP ने एक बार फिर टाइगर स्टेट का ताज अपने सर पर रखने में कामयाबी हासिल की है। शनिवार को इंटरनेशनल टाइगर्स डे पर बाघों की संख्या जारी की गई। इसमें लगातार दूसरे साल एमपी ने टाइगर स्टेट का खिताब हासिल कर लिया। कर्नाटक फिर दूसरे नंबर पर और उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है।

मध्य प्रदेश में टाइगर्स की संख्या 785 हो चुकी है, जो देश में सर्वाधिक है। मध्य प्रदेश में एक साल के दौरान बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हुई। प्रदेश में इस साल 259 टाइगर बढ़े। वहीं कर्नाटक में संख्या 524 से बढ़कर 563 हो गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है।

टॉप -4 स्टेट

  1. मध्य प्रदेश 785 बाघों के साथ अव्वल रहा।
  2. कर्नाटक में 563 बाघ हैं।
  3. उत्तराखंड में 560 बाघ हैं।
  4. महाराष्ट्र में 444 बाघ हैं।

MP चौथी बार बना टाइगर स्टेट

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश देश में चौथी बार टाइगर स्टेट बना और और लगातार दूसरी बार टाइगर स्टेट की उपलब्धि हासिल की है। अब तक हुई 5 गणना में MP 4 बार टाइगर स्टेट बना है।

सबसे पहले 2006 में हुई पहली गणना में 300 बाघों के साथ मध्य प्रदेश सबसे अधिक बाघों वाला राज्य बना और टाइगर स्टेट घोषित किया गया था। इसके बाद 2010 में यह घटकर 257 हो गए और तब मध्य प्रदेश का टाइगर स्टेट का दर्जा कर्नाटक ने छीन लिया था। इसके बाद 2014 में मध्य प्रदेश में 308 बाघ थे और 2018 में 526 बाघ हो गए। 2018 में मध्य प्रदेश ने सिर्फ दो बाघ अधिक होने की वजह से कर्नाटक से एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा छीन लिया था। अब 4 साल में प्रदेश में 259 बाघ बढ़े, जबकि कर्नाटक में सिर्फ 39 बाघ हैं।

पिछले साल पीएम ने जारी की थी रिपोर्ट

बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में 2022 में हुई बाघों की गणना के आंकड़े जारी किए थे। प्रधानमंत्री द्वारा जारी रिपोर्ट में देशभर में 3167 बाघ बताए गए थे, लेकिन राज्य वार आंकड़े जारी नहीं हुए थे। शनिवार को जिम कार्बेट नेशनल पार्क में बाघों के राज्यवार आंकड़े जारी किए गए, जिसमें मध्य प्रदेश को फिर टाइगर स्टेट का तमगा मिल गया है।

सीएम ने प्रदेशवासियों को दी बधाई

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा- अत्यंत हर्ष की बात है कि हमारे प्रदेशवासियों के सहयोग और वन विभाग के अथक प्रयासों के फलस्वरूप, चार वर्षों में हमारे प्रदेश में जंगल के राजा बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। मैं पूरे प्रदेश की जनता को, वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण में उनके सहयोग के लिए हृदय से धन्यवाद और बधाई देता हूँ। आइये हम सब मिलकर अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर भावी पीढ़ियों के लिए प्रकृति संरक्षण का पुनः संकल्प लें।

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