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सीमाओं से परे मां की भावना…दोनों ने कहा, नीरज और नदीम में कोई अंतर नहीं

नई दिल्ली/ इस्लामाबाद/पेरिस। पेरिस ओलिंपिक 2024 में भाला फेंक स्पर्धा में गोल्ड और सिलवर विजेता की माताओं के बयान शुक्रवार को चर्चा में रहे। दोनों ने नीरज और अरशद के लिए जो प्यार दिखाया वह बेमिसाल है। नीरज और अरशद दोनों की माताओं ने उन्हें अपना बेटा कहा और मां का दुलार दिया… पढ़िए किस तरह दोनों माताओं ने अपने दुलार से तोड़ दी सीमा की कटीली दीवार…

हार-जीत किस्मत से, वो भी मेरे बेटे जैसा

पाकिस्तानी खिलाड़ी नदीम की मां रजिया परवीन ने कहा कि जैसे ही पता चला कि अरशद ने मेडल जीत लिया है मुझे इतनी खुशी हुई कि मेरा दिल किया कि मेरा बेटा मेरे सामने हो और मैं उसे गले लगाऊं। मैंने अल्लाह का शुक्र अदा करने की नमाज पढ़ी। रजिया परवीन ने कहा कि मेरे बेटे ने न केवल हमारी मुराद पूरी की बल्कि पाकिस्तानियों से भी जो वादा किया था वह भी पूरा किया और पाकिस्तान का नाम रोशन किया। उन्होंने नीरज चोपड़ा के बारे में कहा, वो मेरे बेटे जैसा है, वो नदीम का दोस्त भी है और भाई भी है। हार और जीत तो किस्मत का खेल है। वो भी मेरा बेटा है और अल्लाह उसे भी कामयाब करे। उसे भी मेडल जीतने की तौफीक अदा करें।

वह भी हमारा बच्चा है, सभी एथलीट हैं

भारत के नीरज चोपड़ा की मां सरोज देवी ने पेरिस में गत चैंपियन भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी को हराकर ओलिंपिक रिकॉर्ड तोड़ने वाले पाकिस्तान के अरशद नदीम के लिए भी खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह भी उनके बच्चे जैसा है। सरोज ने कहा, हम रजत पदक से बहुत खुश हैं, जिसने स्वर्ण पदक जीता वह भी हमारा बच्चा है और जिसने रजत पदक प्राप्त किया वह भी हमारा बच्चा है… सभी एथलीट हैं, सभी कड़ी मेहनत करते हैं। नदीम भी अच्छा है, वह अच्छा खेलता है, नीरज और नदीम में कोई अंतर नहीं है। हमें स्वर्ण और रजत पदक मिला, हमारे लिए कोई अंतर नहीं है। दोनों प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद मैदान के बाहर अच्छे दोस्त हैं।

मैं आज अपने प्रदर्शन से उतना खुश नहीं हूं। केवल एक थ्रो (मैं कामयाब रहा) बाकी मैंने फाउल कर दिए। दूसरे थ्रो के लिए मुझे खुद पर विश्वास था कि मैं भी इतनी दूर तक थ्रो कर सकता हूं, लेकिन वह इतना अच्छा नहीं रहा। – नीरज चोपड़ा

जब क्रिकेट मैच या अन्य खेलों की बात होती है तो निश्चित तौर पर उसमें प्रतिद्वंद्विता शामिल होती है। लेकिन यह दोनों देशों के युवाओं लिए अच्छी बात है जो हमारा और खेल के अपने आदर्श खिलाड़ियों का अनुसरण करके खेलों से जुड़ना चाहते हैं। – अरशद नदीम

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