
गोपेश्वर (उत्तराखंड)। भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए आए 650 से अधिक श्रद्धालु दर्शन किए बिना ही वापस लौट गए हैं। बिना पंजीकरण के पहुंचे इन यात्रियों को चमोली जिले की सीमा से ही वापस भेज दिया गया। अधिकारियों ने यहां बताया कि चारधामों के दर्शन के लिए पंजीकरण अनिवार्य है, लेकिन ये यात्री पंजीकरण के बिना ही बद्रीनाथ के दर्शन के लिए जा रहे थे। चमोली पुलिस ने जिले की सीमा पर बनी गौचर ‘चेकपोस्ट’ से ही उन्हें वापस कर दिया।
120 वाहनों को वापस भेजा
अधिकारियों के मुताबिक, पिछले 10 दिनों में बद्रीनाथ आने वाले 120 वाहनों को गौचर ‘चेकपोस्ट’ से वापस कर दिया गया, क्योंकि इनमें सवार 650 से अधिक यात्रियों का पंजीकरण नहीं था। इसी अवधि में बिना पंजीकरण सवारियों को ले जाने वाले 5 वाहन मालिकों के विरुद्ध भी पुलिस ने कार्रवाई की।
2.77 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
भगवान बद्रीनाथ के कपाट 12 मई को खुले थे और पहले पखवाड़े में ही 2 लाख 77 हजार से अधिक तीर्थ यात्री बद्रीनाथ के दर्शन कर चुके हैं। औसतन 20 हजार से अधिक तीर्थयात्री रोजाना बद्रीनाथ पहुंच रहे हैं। चमोली पुलिस ने यात्रियों से अपील की है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्री पंजीकरण कराने के बाद ही यात्रा पर आएं। उसने कहा कि बिना पंजीकरण के जिले में आ रहे वाहनों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
चारों धाम में अब नहीं बना पाएंगे रील्स-वीडियो
उत्तराखंड सरकार ने चारों धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए 3 बड़े आदेश जारी किए हैं। चारों धाम के मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में सोशल मीडिया के लिए रील्स या वीडियो बनाने पर पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही VIP दर्शन पर लगी रोक को भी 31 मई तक बढ़ा दिया है। पहले यह रोक 25 मई तक लगाई गई थी।
उत्तराखंड सरकार के 3 आदेश
- चारों धाम के मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील्स या वीडियो बनाने पर पाबंदी।
- VIP दर्शन पर लगी रोक 31 मई तक बढ़ाई गई।
- यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में लगाए गए काउंटर तीन दिन के लिए बंद। सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ही कर सकेंगे श्रद्धालु।
तीनों आदेश जारी करने के पीछे का कारण
हाल ही में कई पुजारियों और स्थानीय लोगों ने वीडियो और रील्स बनाने को लेकर विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि, “ऐसी गतिविधियां पारंपरिक मानदंडों का उल्लंघन करती हैं।” इस संबंध में संस्कृति एवं धार्मिक मामलों के सचिव को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह भी किया गया था।
वीआईपी दर्शन पर प्रतिबंध को लेकर उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि, चार धाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ पहुंच रही है। वीआईपी दर्शन पर 31 मई तक प्रतिबंध बढ़ाने से सभी भक्त आसानी से चारों धामों के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भी सूचित कर दिया है। केवल पंजीकृत भक्तों को उनकी निर्दिष्ट तिथियों पर दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
वहीं ऋषिकेश और हरिद्वार में भी लगातार भारी भीड़ देखने को मिल रही थी। जिसकी वजह से लोग बिना रजिस्ट्रेशन कराए डायरेक्ट दर्शन के लिए धामों में पहुंच रहे थे। इससे वहां भीड़ को नियंत्रण करने में दिक्कत हो रही थी।
नवंबर तक जारी रहेगी तीर्थयात्रा
उत्तराखंड के चार धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। तीर्थयात्रा आम तौर पर अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में शुरू होती है और नवंबर तक जारी रहती है। इससे पहले तीन धाम श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बीते शुक्रवार अक्षय तृतीया के दिन 10 मई को ही खोले जा चुके हैं। कपाट खुलने के अवसर पर श्री बद्रीनाथ मंदिर को श्री बद्रीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के सहयोग से मंदिर समिति द्वारा सजाया गया है।
बद्रीनाथ यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है, जो मुख्य रूप से भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा की जाती है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित पवित्र धाम बद्रीनाथ समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।