
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई और उन्हें मंजूरी दी गई। इनमें जल संरक्षण से लेकर किसानों के लिए डिजिटल सीमांकन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण और वन विभाग का नया मंडल शामिल हैं। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन फैसलों की जानकारी दी।
जय गंगा जल संवर्धन अभियान को मिली हरी झंडी
जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जय गंगा जल संवर्धन अभियान को मंजूरी दी। यह अभियान 30 मार्च से 30 जून तक चलेगा। इसका उद्देश्य पूरे प्रदेश की जल संरचनाओं का संवर्धन करना और पानी को संरक्षित करना है। सरकार वॉटर रिचार्जिंग को प्रोत्साहित करने के लिए जनभागीदारी को बढ़ावा देगी। इस अभियान के तहत जलाशयों, तालाबों और नदियों को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जाएंगे।
किसानों की जमीन का डिजिटल सीमांकन और बटांकन
कैबिनेट ने प्रदेश के किसानों की जमीनों के डिजिटल सीमांकन और बटांकन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। इसके लिए 138.41 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। इस प्रक्रिया के लिए सरकार निविदा आयोजित करेगी, जिसके बाद पूरे प्रदेश में किसानों की जमीन का डिजिटल डेटा एकत्र किया जाएगा। इससे भू-अधिकारों को सुरक्षित रखने और विवादों को कम करने में मदद मिलेगी।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा प्रशिक्षण
प्रदेश के छोटे बच्चों को शिक्षा के प्रति रुचि दिलाने और उनके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। इस प्रशिक्षण में कार्यकर्ताओं को बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास को लेकर जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा, उन्हें यह भी सिखाया जाएगा कि बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा में रुचि कैसे दिलाई जाए।
पांढुर्ना में वन विभाग का नया मंडल स्थापित
कैबिनेट ने छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना में वन विभाग का नया मंडल स्थापित करने की मंजूरी दी। इससे क्षेत्र में वन संरक्षण और वन्यजीवों के प्रबंधन को मजबूती मिलेगी। नया मंडल बनने से प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुचारू होंगी और वन क्षेत्र के संरक्षण के लिए अधिक प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे।
कैबिनेट ने विभिन्न विभागों के लिए बजट आवंटन को दी मंजूरी
- नवीनीकरण के लिए 72 लाख करोड़ रुपए
- खनन और खनिज विभाग के लिए 22 लाख करोड़ रुपए
- शहरी विकास के लिए 97 लाख करोड़ रुपए
- ऊर्जा विभाग के लिए 74 लाख करोड़ रुपए
विभागीय समीक्षा और रोजगार सृजन
सभी विभागों के प्रमुख सचिव हर हफ्ते अपने विभाग की समीक्षा करेंगे। मुख्य सचिव महीने में एक बार और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दो महीने में इसकी समीक्षा करेंगे। सरकार ने 21 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य भी तय किया है।