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VIDEO : मंत्री के बेटे को कॉलर पकड़कर सीएम के मंच से उतारा, भाजयुमो ने घेरा एसपी कार्यालय

खंडवा। वनमंत्री विजय शाह के पुत्र व जिला पंचायत उपाध्यक्ष दिव्यादित्य शाह को पुलिस द्वारा धक्का देने का वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमा गया है। मंगलवार को‎ लाड़ली बहना योजना सम्मेलन‎ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सभा में पहुंचने से 15 मिनट‎ पहले एसपी ने कॉलर‎ पकड़कर मंच से धक्का देकर‎ नीचे उतार दिया। हालांकि, बाद में उन्हें मंच पर जाने दिया गया।

वनमंत्री विजय शाह ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि जनप्रतिनिधियों से बदतमीजी करने वाले बर्दाशत नहीं किए जाएंगे। अब भारतीय जनता युवा मोर्चा ने पैदल रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया।

एसपी कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

जिला पंचायत उपाध्यक्ष दिव्यादित्य शाह तथा जनपद अध्यक्ष पंधाना सुमित्रा काले के साथ पुलिस द्वारा बदसलूकी करने के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा मैदान में उतर आया है। बुधवार को सौ से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ जनप्रतिनिधि भाजपा कार्यालय से रैली निकालते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे और विरोध जताया। इस दौरान एसपी कार्यालय के बाहर तंबू लगाकर करीब आधे घंटे तक धरना भी दिया गया। धरने के बाद यहां से सभी भाजयुमो कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम अरविंद चौहान को ज्ञापन सौंपा गया।

पुलिस ने मंच पर जाने से रोका

खंडवा में मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान आए थे। सीएम की सुरक्षा में लगी पुलिस की टीम ने जनप्रतिनिधियों को मंच पर जाने नहीं दिया गया। जिन लोगों ने जाने की कोशिश की उन्हें धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। इसमें वन मंत्री विजय शाह के बेटे और खंडवा जिला पंचायत के उपाध्यक्ष दिव्यादित्य शाह, जनपद पंधाना की अध्यक्ष सुमित्रा कजले, भारतीय जनता युवा मोर्चा के अनेक पदाधिकारियों के साथ पुलिस ने अभद्रता किया।

वन मंत्री ने दी चेतावनी

इस घटना की जानकारी भाजपा के जिला अध्यक्ष और वन मंत्री विजय शाह को दी। वन मंत्री ने भी पुलिस के इस रवैया पर आक्रोश जताया और उन्हें अपना व्यवहार सुधारने की चेतावनी दी। वन मंत्री ने कहा- युवा नेताओं के साथ इस तरह बात करेंगे तो बहुत दिन एसपी नहीं रह पाएंगे। जनप्रतिनिधियों से बदतमीजी करने वालों को हम बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे।

पुलिस ने जारी किया बयान

वहीं इस पूरे मामले को लेकर पुलिस की ओर से कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र शुक्ला अभी नए हैं और कुछ दिन पहले ही उन्होंने पदभार ग्रहण किया है। इससे उन्हें पहचानने में दिक्कत हुई। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के प्रोटोकाल के तहत आइडी मांगी थी और कहा था कि आइडी नहीं है तो नीचे उतर जाएं। बाद में आईडी कार्ड दिखाने के बाद सभी जनप्रतिनिधियों को मंच पर जाने दिया गया था जिनका नाम मंच की लिस्ट में शामिल था।

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