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जंक फूड को मात दे रहे मध्यप्रदेश के मिलेट्स प्रोडक्ट

लोगों की पहली पसंद बने बाजरा-रागी मफिन्स, जेएनके विवि ने तैयार की दो दर्जन से ज्यादा वेरायटी

हर्षित चौरसिया जबलपुर। आदिवासियों द्वारा उगाए जा रहे मोटे अनाज से बने उत्पाद अब जंक फूड को मात दे रहे हैं। मिलेट्स प्रोडक्ट की बढ़ती मांग को देखते हुए जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि ने जवाहर फूड आउट लेट को शुरू किया। आउट लेट में मिलेट्स प्रोडक्ट (मोटे अनाज) से तैयार बाजरा व रागी मफिन्स की डिमांड लोगों में सबसे ज्यादा है।

स्वाद और सेहत के लिए सबसे बेहतर : डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. आशीष डेंगरा ने बताया कि मिलेट्स से तैयार प्रोडक्ट कैल्शियम, मिनरल, विटामिन, प्रोटीन से भरपूर होते है। गेहूं व चावल की अपेक्षा यदि इनसे बने उत्पादों का सेवन किया जाए तो शुगर भी तेजी से नहीं बढ़ती है और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है। बच्चे यदि इन उत्पादों का खाते है तो उनका ब्रेन भी तेजी से डेवलप होता है। ये एंटी ऐजिंग प्रोडक्ट है।

ये प्रोडक्ट हो रहे तैयार

मिलेट उत्पाद में कोदो चावल, कुटकी, सांवा, रागी आटा, बाजरा आटा, मल्टीग्रेन मिलेट आटा, मिलेट संवर्धित मफिन्स, मिलेट संवर्धित कुकीज, साथ ही रागी पास्ता, बाजरा, कोदो, ज्वार एवं रागी नूडल्स आदि तैयार किए जा रहे हैं।

6 माह में 2 लाख की बिक्री

आउटलेट से विवि 6 माह में करीब 2 लाख के उत्पाद विक्रय कर चुका है। इसमें बाजरा मफिन्स 32 हजार, रागी मफिन्स 28 हजार, ज्वार मफिन्स 21 हजार, ज्वार कुकीज 9 हजार, बाजरा कुकीज 13 हजार, कोदो चावल 21 हजार, कुटकी 16 हजार एवं अन्य है।

सरकार की मंशानुरूप हम मिलेट्स प्रोडक्ट को तैयार कर रहे हैं और युवा उद्यमियों को इनसे तैयार होने वाले उत्पादों के निर्माण की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। मिलेट्स प्रोडक्ट की डिमांड देखते हुए आउटलेट खोला गया है। अब बड़ी-बड़ी संस्थाएं इन प्रोडक्ट को लेने के लिए आगे आ रही हैं। – डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा, कुलपति, जेएनके विवि, जबलपुर

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