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पृथ्वी के पास से गुजरी 370 फीट की इमारत जितनी बड़ी उल्का

नासा ने 2 मई को खोजी थी नई एस्ट्रॉइड, करीब 34 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आई हमारे पास

न्यूयॉर्क। नासा ने पृथ्वी की ओर आ रही एक उल्का (एस्ट्रॉइड) को लेकर चेतावनी दी है। किसी बहुत बड़ी बिल्डिंग के आकार की 370 फीट की यह एस्ट्रॉइड 33,673 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हमारी ओर आ रही है। यह पृथ्वी के पास से 2 जुलाई को देर रात गुजर रही है। इस उल्का ने दुनिया भर के खगोलविदों की ध्यान खींचा है और यह बताती है कि पृथ्वी के पास के उल्कापिंड कैसे पृथ्वी पर जीवन के लिए खतरा बने हुए हैं। हालांकि इस उल्का पिंड से फिलहाल हमें कोई खतरा नहीं है।

इस उल्का पर लगातार नजर रख रहे वैज्ञानिक

पृथ्वी की तरफ बढ़ रही उल्का को वैज्ञानिकों ने 2024 जेजे 25 नाम दिया है। इसे 2 मई को हवाई में लगे टेलिस्कोप से खोजा गया था। यह नासा द्वारा खोजे गए पृथ्वी के पास आने वाले सबसे बड़े उल्का पिंडों में से एक है। इसके आकार और स्पीड ने नासा की चिंता बढ़ा दी है। इसी लिए नासा इस पर बारीकी से नजर रख रहा है। खास बात यह है कि 2 जुलाई को यह पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरी है।

पुराने सोलर सिस्टम के अध्ययन का अच्छा मौका

नासा की जेट प्रपल्शन लैबोरेट्री ने उल्का की खोज के बाद से ही उसपर नजर रखी है। साथ ही नासा ने इसकी ट्रैजेक्टरी (उल्का का पथ) की गणना की है। इसमें उसने आधुनिक राडार और ऑप्टिकल ऑब्जर्वेशन की मदद ली है जिससे इसके पथ की सही गणना की जा सके। 2 जुलाई को इसकी दूरी हमारी पृथ्वी से 40 लाख किमी रहेगी जो खलोगील गणनाओं के हिसाब से काफी करीब है।

सौर परिवार बनने की जानकारी देती हैं उल्काएं

उल्काएं सोलर सिस्टम (सौर परिवार) के अवशेष हैं। यह हमें इसके बनने के बारे में कई अहम जानकारी दे सकती हैं। इनके अध्ययन से वैज्ञानिक जान पाता हैं कि सोलर सिस्टम को बनाने वाले मूल तत्व क्या थे और हमारे आसपास किस तरह के बदलाव समय के साथ आए। जेजे 25 के पृथ्वी के नजदीक आने से हमें इसका गठन करने वाले तत्वों और उनके व्यवहार के बारे में पता चल सकता है।

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