
इंदौर। मेघदूत उपवन इंदौर के सौंदर्यीकरण में घोटाले मामले में इंदौर विशेष न्यायालय (Special court) ने तत्कालीन 3 पार्षदों सहित 9 आरोपियों को 3-3 वर्ष का कठोर कारावास सुनाया। वहीं, 5-5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित भी किया।
आरोपियों में तत्कालीन सहायक शिल्पग सुरेश कुमार जैन, तत्कालीन उद्यान अधीक्षक अमानुल्लाह खान, तत्कालीन पार्षद राजेंद्र सोनी, ठेकेदार मेघदूत केशव पंडित कॉर्पोरेशन, तत्कालीन पार्षद सूरज केरो, तत्कालीन सीनियर ऑडिटर विद्यानिधि श्रीवास्तव, तत्कालीन सहायक संचालक ऋषि प्रसाद गौतम, तत्कालीन पार्षद कैलाश यादव, तत्कालीन नगर शिल्पग नगर पालिक निगम इंदौर जगदीश डगांवकर हैं।
क्या है पूरा मामला ?
इस मामले की शिकायत साल 2003 में तत्कालीन पार्षद और नेता प्रतिपक्ष छोटू शुक्ला ने लोकायुक्त से की थी। आरोप था कि तत्कालीन महापौर एवं परिषद के सदस्यों ने पूर्ण रूप से विकसित मेघदूत उद्यान के सौंदर्यीकरण एवं विकास के नाम पर 2.50 करोड़ रुपए की योजना बनाई और बिना शासन की स्वीकृति के षड्यंत्रपूर्वक छोटे-छोटे प्रस्ताव बनाकर अलग-अलग कार्य, अलग-अलग व्यक्तियों से करवाकर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है।
शिकायत की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई थी कि आरोपियों ने संगमत होकर 33,60,322 रुपए की आर्थिक क्षति नगर निगम को पहुंचाई थी। इस पर प्रकरण दर्ज कर वर्ष 2015 में आरोपियों के खिलाफ विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया।
सभी आरोपितों को सुनाई सजा
मंगलवार 31 जनवरी 2023 को विशेष न्यायालय ने इस प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए उपरोक्त सभी आरोपियों को 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया। प्रकरण में अभियोजन का पक्ष विशेष लोक अभियोजक आशीष कुमार खरे ने किया।
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