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भोपाल के जंगलों में लगी भीषण आग, 13 एकड़ में हजारों पेड़ खाक, कई घरों को खाली कराया, 6 घंटे में पाया काबू

भोपाल। गुरुवार शाम करीब 6 बजे भोपाल के कलियासोत डैम के पास और वाल्मी पहाड़ी क्षेत्र में अचानक लग गई और आग ने देखते ही देखते 13 एकड़ क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी तेजी से फैली कि उसकी लपटें वाल्मी क्षेत्र में स्थित सरकारी आवासों तक जा पहुंचीं। सुरक्षा के मद्देनजर 8 घरों को खाली कराना पड़ा।

दमकल विभाग और वन विभाग की टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद रात 12 बजे तक आग पर करीब 90 प्रतिशत तक काबू पा लिया था, हालांकि कुछ स्थानों पर अभी भी आग की लपटें उठ रही थीं। आग पर काबू पाने के लिए नगर निगम की दमकलें लगातार मौके पर तैनात रहीं।

पेड़ों और झाड़ियों के कारण फैली आग

सबसे पहले राहगीरों ने पहाड़ी से उठता धुआं और लपटें देखकर फायर कंट्रोल रूम को सूचना दी। कुछ ही देर में नगर निगम और वन विभाग की दमकलें मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाना आसान नहीं था, क्योंकि इलाके में उबड़-खाबड़ रास्ते, घनी झाड़ियां और सूखे पेड़ आग फैलाने का कारण बन गए। तेज हवा ने भी आग को फैलाने में भूमिका निभाई। दमकल कर्मचारियों को आग बुझाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, और इस दौरान कुछ कर्मचारियों के मामूली रूप से झुलसने की भी खबर है।

मौके पर मौजूद रहे विधायक और कलेक्टर

मौके की गंभीरता को देखते हुए डीएफओ लोकप्रिय भारती स्वयं कर्मचारियों के साथ आग बुझाने जंगल में उतरे। उन्होंने बताया कि अधिकांश आग पर काबू पा लिया गया है और जहां-जहां आग की लपटें शेष हैं, उन्हें भी बुझाया जा रहा है। मौके पर विधायक रामेश्वर शर्मा, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, नगर निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण, एसडीएम रविशंकर राय भी पहुंचे और राहत कार्यों की निगरानी की। वन विभाग के रेंजर शिवपाल पिपरदे ने बताया कि रातभर नजर रखी जा रही है ताकि आग दोबारा न भड़के।

टाइगर मूवमेंट एरिया में खतरा

बाघ मित्र राशिद नूर ने बताया कि आग जिस क्षेत्र में लगी, वह टाइगर मूवमेंट ज़ोन में आता है। कलियासोत नदी के किनारे इस क्षेत्र में पहले भी बाघों की मौजूदगी देखी जा चुकी है। अगर आग पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया जाता, तो वन्यजीवों को खतरा हो सकता है।

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