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शादी के पहले दुल्हन का हुआ एक्सीडेंट, बारात लेकर सात फेरे लेने अस्पताल पहुंचा दूल्हा, पलंग पर ही भरी मांग

खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा के एक निजी अस्पताल में शनिवार को अनोखी शादी हुई। दरअसल, शादी के 3 दिन पहले एक सड़क दुर्घटना में दुल्हन गंभीर रूप से घायल हो गई। उसके एक हाथ और पैर में फ्रैक्चर हो गया, जिसकी वजह से ऑपरेशन करना पड़ा। इधर लगन टीप लिख जाने से शादी टल नहीं सकती थी। इसलिए वर और वधू पक्ष की सहमति से अस्पताल में ही शादी करना तय हुआ। दूल्हा बारात लेकर शनिवार को अस्पताल पहुंचा। यहां अस्पताल के पलंग पर ही दूल्हा-दुल्हन ने शादी की सारी रस्में निभाई। दूल्हे ने दुल्हन को उठाकर फेरे लिए और उसकी मांग भरकर वरमाला पहनाई। शादी में डॉक्टर, नर्स और उनके स्टाफ ने घराती बनकर बरातियों का स्वागत किया और दोनों को जीवनभर खुश रहने का आशीर्वाद दिया।

उज्जैन से बारात लेकर पहुंचा खंडवा

खंडवा के अस्पताल में हुई इस शादी में उज्जैन निवासी दूल्हा राजेंद्र चौधरी बरात लेकर खंडवा के अवस्थी चौराहा स्थित एक निजी नर्सिंग होम पहुंचा। यहां उसने गंभीर रूप से घायल दुल्हन शिवानी सोलंकी से शादी की। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल में ही गणेश पूजन किया और दूल्हा-दुल्हन के सात फेरे पूरे करवाए। दूल्हे ने पलंग पर घायल दुल्हन शिवानी की मांग भरकर वरमाला पहनाई और जीवनभर साथ निभाने का वचन दिया।

16 फरवरी को होनी थी शादी

अस्पताल में घायल पड़ी दुल्हन शिवानी ने बताया शादी 16 फरवरी को खंडवा में दूध तलाई स्थित एक धर्मशाला में होनी थी। शादी से पहले पहले बड़वानी जिले के जुलवानिया में वह मामा के घर गई थी। 13 फरवरी की सुबह बाजार में एक वाहन की टक्कर से दाहिना हाथ और पैर फ्रैक्चर हो गया। परिजन उसी दिन मुझे खंडवा ले आए और अस्पताल में भर्ती करा दिया।

शादी के दिन हुआ ऑपरेशन

अस्पताल के डॉक्टर सिद्धार्थ श्रीमाली ने बताया शादी के दिन 16 फरवरी को दुल्हन का ऑपरेशन हुआ। ऐसे में उस दिन शादी नहीं करा सकते थे। परिजनों ने 18 को अस्पताल में ही शादी करने के लिए अनुमति मांगी। हमने भी शुभ कार्य के लिए अनुमति दी और स्टाफ के साथ खुद भी शामिल हुए। डॉ. कीर्ति श्रीमाली ने बताया हमने दुल्हा-दुल्हन को शुभकामनाएं देकर अस्पताल में मिठाई बंटवाई।

गिनती के बाराती लेकर आया दूल्हा

दुल्हे के पिता सौदानसिंह व दुल्हन के पिता सुभाष ने बताया 16 तारीख की शादी थी, सारी तैयारियां हो चुकी थी। हमारे समाज में लगन टीप लिख जाने के बाद शादी को टाला नहीं जाता। 16 तारीख को शिवानी की हालत शादी करने जैसी नहीं थी, क्योंकि उसके फैक्चर हुए हाथ और पैर का ऑपरेशन हुआ था। ऐसे में पंडित ने शिवरात्रि के दिन बूझ मुहूर्त में शादी करने को कहा। सौदान सिंह ने बताया फिर क्या था अधिक अधिक मेहमानों की बजाए गिनती के बराती लेकर आए और अस्पताल में ही शादी सारी रस्में पूरी की।

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