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विरोधी पर न्यौछावर कर दी चुनावी जीत, गाड़ी-पैसा और वोट भी..!

इलेक्शन मेमोरी... पूरे देश में थी इंदिराजी और रीवा के मार्तंड सिंह की चुनावी हार की चर्चा

राजीव सोनी- भोपाल। आपातकाल के बाद 1977 का संसदीय चुनाव हमेशा याद किया जाएगा। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की रायबरेली और रीवा में महाराजा मार्तंड सिंह की चुनावी हार की चर्चा दशकों तक होती रही। बीबीसी ने भी रीवा के नतीजे पर विशेष रिपोर्ताज प्रसारित किया। इसमें प्रमुख रूप से निर्दलीय प्रत्याशी मार्तंड सिंह की उदारता और पहली बार नेत्रहीन यमुना प्रसाद शास्त्री का सांसद चुना जाना अनूठी बात थी। मार्तंड सिंह ने गाड़ी और पैसों की मदद के साथ प्रतिद्वंद्वी को अपना वोट भी दान कर दिया था।

इस चुनाव के बाद निर्दलीय प्रत्याशी मार्तंड सिंह की दरियादिली और प्रतिद्वंद्वी के प्रति सदाशयता के किस्से लोगों की जुबान पर थे। किसी को भरोसा नहीं हो रहा था कि वह रीवा में चुनाव हार भी सकते हैं।

उन्होंने अपने विरोधी को चुनाव प्रचार के लिए कार भेंट करने के साथ ही अपना वोट भी दान कर दिया था। हालांकि तीन साल बाद 1980 का चुनाव रिकार्ड मतों से जीते, उन्हें 71.5 फीसदी वोट मिले थे यह रिकार्ड आज भी कायम है।

कार के साथ पेट्रोल भी…

किस्सा यूं हैं? कि चुनाव प्रचार के दौरान एक दिन शास्त्री सुबह-सुबह रिक्शे पर बैठकर उनसे मिलने जा पहुंचे। मार्तंड सिंह ने पूछ लिया प्रचार पर कैसे जाते हैं? शास्त्री बोले-रिक्शे से ही… इस पर मार्तंड सिंह ने तुरंत ही अपने मैनेजर को कहा कि पंडितजी के लिए तुरंत ही कार उपलब्ध करा दें और पेट्रोल पंप पर मैसेज कर दें कि बिल का पैमेंट हम करेंगे।

दान कर दिया अपना वोट..!

चाय-नाश्ते के बाद मार्तंड सिंह ने फिर पूछा -आपके आने का मंतव्य क्या है, पंडितजी..? शास्त्री बोले कि चुनाव प्रचार पर निकला हूं.. आपका वोट मांगने आया हूं। महाराज कुछ देर चुपचाप शास्त्री को देखते रहे फिर बोले-ठीक है, मेरा और महारानी दोनों का ही वोट आपके नाम। उन्होंने कुछ राशि भी शास्त्री को भेंट की।

मैं नहीं जीता, आपने जितवाया..!

चुनाव नतीजा बड़ा ही अप्रत्याशित आया। मार्तंड सिंह 6695 वोट से चुनाव हार गए। इसके बावजूद उनके चेहरे पर शिकन भी नहीं आई.. महल से निकले और शास्त्री के घर बधाई देने जा पहुंचे। मार्तंड सिंह की उदारता और बड़प्पन से अभिभूत शास्त्री भावुक होकर बोले- मैं जीता नहीं हूं अन्नदाता, आपने मुझे जितवाया है..।

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