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Manipur Violence : मणिपुर में कर्फ्यू जारी, इंटरनेट सेवाओं के बाद ट्रेनें भी रद्द; दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश

इंफाल। मणिपुर में बुधवार को आदिवासियों के प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क गई थी। जिसके बाद अब भी 8 जिलों में कर्फ्यू जारी है। हिंसा पर काबू पाने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए हैं। 4 दिनों के लिए मोबाइल और इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है। राज्य में आने वाली ट्रेनों पर रोक लगा दी गई है। वहीं भारतीय सेना ने बताया कि अब मणिपुर में हालात नियंत्रण में हैं।

मणिपुर में सेना की तैनाती

ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को ट्राइबल सॉलिडेरटी मार्च बुलाया था। इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई। राज्य में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद सरकार ने मणिपुर में असम राइफल्स की 34 और सेना की 9 कंपनियां तैनात हैं। इनके अलावा गृह मंत्रालय ने रैपिड एक्शन फोर्स की भी पांच कंपनियों को मणिपुर भेज दिया है।

मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेने रोकी गईं

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर सरकार की सलाह पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे के अनुसार, जब तक हालात सही नहीं हो जाते हैं, तब तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी। यह फैसला फिलहाल दो दिन (5 और 6 मई) के लिए लिया गया है।

क्या है पूरा मामला

छात्रों के संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में मार्च बुलाया था। ‘आदिवासी एकता मार्च’ के नाम से हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़प शुरू हो गई।

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