भोपाल। प्रदेश का मंडला जिला आदिवासी बहुल है। यहां सबसे ज्यादा गौंड समाज रहता है। इनको आर्थिक समृद्ध करने के लिए सरकार की कई योजनाएं संचालित हो रही हैं। इसी तारतम्य में यहां चार होम स्टे प्रारंभ किए गए हैं। इन्हें महिला हितग्राही और महिला समूह संचालित कर रहे हैं। यहां मिट्टी के घर बने हैं जहां गोंडी व्यंजन मिलेंगे और आदिवासी संस्कृति से परिचित कराया जाएगा। इसका उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाना और महिलाओं को आर्थिक संपन्न करना है।
एक कक्ष का किराया ढाई से तीन हजार रुपए
नर्मदा नदी के शांत तट पर बसे चौगान गांव की मेमवती कहती हैं कि एक दिन पहले ही उन्होंने फार्म व्यू होम स्टे प्रारंभ किया है। होम स्टे के लिए करीब छ: लाख रुपए का खर्च आया है। इसमें पर्यटन निगम बोर्ड ने डेढ़-डेढ़ लाख की दो किस्तें दी हैं। मेरे अलावा तीन और रानी महल व्यू, फॉरेस्ट व्यू नाम से होम स्टे प्रारंभ हुए हैं। वे कहती हैं कि होम स्टे में एक कक्ष का किराया ढाई से तीन हजार रुपए रखा है।
होम स्टे योजना का उद्देश्य
ग्रामीण पर्यटन की बढ़ावा देना है। ताकि पर्यटक गांवों में ठहरकर स्थानीय जीवन शैली, संस्कृति और परंपराओं का अनुभव कर सकें। इससे गांवों के लोगों को अतिरिक्त आय का स्त्रोत मिलेगा।
नर्मदा की रमणीयता और बढ़ेगी
होम स्टे के माध्यम से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यहां आने वाले मेहमान केवल दर्शक नहीं होंगे बल्कि यहां की खेती-किसानी को जानेंगे, गांव के बीच से बहती नर्मदा नदी इसके रमणीय आकर्षण को और बढ़ाएगी। पर्यटकों के लिए आरामदायक मिट्टी के घर बनाए गए हैं। यहां पर्यटकों के लिए आसपास बहुत से पर्यटक स्थल भी मौजूद हैं। -सोमेश मिश्रा, कलेक्टर मंडला