
नई दिल्ली। लोकसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपनी स्पीच में बेरोजगारी, मेक इन इंडिया, वोटर्स डेटा में गड़बड़ी, चीनी घुसपैठ, भाजपा की विचारधारा और राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुछ योजनाओं की सराहना भी की।
राहुल गांधी ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ एक अच्छा आइडिया था, लेकिन यह सफल नहीं हो पाया। उन्होंने यह भी माना कि बेरोजगारी की समस्या से न तो यूपीए सरकार निपट पाई और न ही मौजूदा सरकार।
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर कहा कि वे पिछले कई सालों से वही बातें दोहरा रही हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का संबोधन कैसा होना चाहिए था, इस पर वे अपनी राय देना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने कई अहम मुद्दों पर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
बेरोजगारी पर सरकारों को कटघरे में खड़ा किया
राहुल गांधी ने अपने भाषण में बेरोजगारी को लेकर न केवल मौजूदा भाजपा सरकार, बल्कि यूपीए सरकार की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी की समस्या का समाधान कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार अपने 10 साल के कार्यकाल में नहीं कर पाई। इसी तरह, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भी पिछले 10 वर्षों में इस पर कुछ खास नहीं कर पाई।
उन्होंने कहा, “बेरोजगारी एक ऐसी समस्या है, जिससे निपटने में न तो यूपीए सरकार सफल हुई और न ही मौजूदा सरकार। हमें इस पर गंभीरता से विचार करना होगा।”
मेक इन इंडिया को सराहा, लेकिन नाकामी गिनाई
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की तारीफ की, लेकिन इसके असफल होने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने की जरूरत है, लेकिन इसके आंकड़े निराशाजनक हैं।
उन्होंने बताया कि 2014 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की जीडीपी में हिस्सेदारी 15.3% थी, जो अब घटकर 12.6% रह गई है। यह पिछले 60 वर्षों में सबसे कम है। राहुल ने कहा कि पीएम मोदी ने इसे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाए।
वोटर्स डेटा में गड़बड़ी का आरोप
राहुल गांधी ने चुनावी वोटर डेटा में हेरफेर का आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के वक्त जो वोटर लिस्ट थी, वह सिर्फ पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव के दौरान अचानक बढ़ गई।
उन्होंने कहा, “पांच साल में जितने नए वोटर्स जुड़ते हैं, उतने सिर्फ पांच महीने में जोड़ दिए गए। दिलचस्प बात यह है कि ये नए वोटर्स उन्हीं क्षेत्रों में ज्यादा हैं, जहां भाजपा चुनाव जीती है। आखिर हिमाचल प्रदेश जितने बड़े वोटर्स लोकसभा चुनाव के बाद अचानक कहां से आ गए?”
उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि लोकसभा चुनाव की वोटर लिस्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप से विपक्षी दलों को दी जाए, ताकि इसकी जांच हो सके।
उठाया चीनी घुसपैठ का मुद्दा
राहुल गांधी ने चीन के घुसपैठ के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया था कि चीन की सेना ने भारतीय सीमा में कोई घुसपैठ नहीं की, लेकिन सेना उनसे सहमत नहीं थी।
उन्होंने कहा, “आज हमारे सामने चीन सबसे बड़ी चुनौती है। पीएम मोदी ने कहा कि घुसपैठ नहीं हुई, लेकिन हमारे आर्मी चीफ और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) ने इस बात को स्वीकार किया है। आखिर ऐसा क्यों है कि अचानक हमारे सैन्य अधिकारी सरकार के बयान से अलग राय रख रहे हैं?”
भाजपा पर सरदार पटेल और अंबेडकर के मूल्यों को नष्ट करने का आरोप
राहुल गांधी ने अपने भाषण में भाजपा की विचारधारा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार महात्मा बुद्ध, सरदार पटेल और बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों को नष्ट कर रही है।
उन्होंने कहा, “आप सरदार पटेल और अंबेडकर की बात करते हैं, लेकिन उनके मूल्यों को नष्ट कर रहे हैं। आपने बुद्ध के सामने सिर झुकाया, लेकिन उनके विचारों को ठुकरा दिया। देश को हिंसा और घृणा की राह पर ले जाया जा रहा है, जिससे देश कमजोर होगा।”
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान भगवान शिव की एक तस्वीर भी दिखाई और कहा कि शिवजी की तस्वीर हमें ध्यान केंद्रित करने की सीख देती है। हमें भटकना नहीं चाहिए, बल्कि अपने काम पर ध्यान देना चाहिए।
राष्ट्रपति के भाषण को फिर से बताया ‘बोरिंग’
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बजट भाषण की आलोचना करते हुए कहा कि वह भाषण किसी घर की पुरानी लिस्ट की तरह था।
उन्होंने कहा, “मैं पूरे भाषण के दौरान ठीक से बैठ भी नहीं पा रहा था। ऐसा लग रहा था कि कोई कहानी सुनाई जा रही हो। यह एक धन्यवाद भाषण नहीं था, जैसा एक राष्ट्रपति का होना चाहिए था।”
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