
महाराष्ट्र के पूर्व CM और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने शिंदे को शिवसेना के सभी पदों से हटाने के साथ पार्टी से भी निकाल दिया है। ठाकरे ने शिंदे पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और पार्टी तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
शिंदे की बगावत के बाद गिरी सरकार
तकरीबन दो हफ्ते पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बगावत कर दी थी। इसके बाद महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई और बीजेपी (BJP) ने शिंदे गुट के साथ मिलकर सरकार बना ली। शिंदे ने बीते दिन ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। उनके साथ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उनमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, उद्धव ठाकरे के इस फैसले को शिंदे के उन दावों पर हमला बताया जा रहा है, जिसके जरिए वे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत पर दावा कर रहे हैं।
उद्धव ने जारी किया पत्र
उद्धव ठाकरे की साइन की गई चिट्ठी में कहा गया है, ‘शिवसेना प्रमुख के रूप में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटाता हूं।’
शिवसेना पर भी दोनों गुटों का दावा
उद्धव ने एकनाथ शिंदे के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन शिंदे गुट का अपना दावा है। एकनाथ शिंदे खेमा खुद को सच्चा शिवसैनिक और बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व का अनुयायी कहता रहा है।
ये भी पढ़ें- एकनाथ शिंदे ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, देवेंद्र फडणवीस बने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम; PM मोदी ने दी बधाई
बागी ग्रुप से सुलह पर जोर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार शाम को मुंबई में ठाकरे की ओर से बुलाई गई शिवसेना सांसदों की बैठक में एक वरिष्ठ नेता ने पार्टी के दीर्घकालिक हितों के लिए शिंदे के नेतृत्व वाले बागी समूह के साथ सुलह करने का सुझाव दिया। सुझाव पर ठाकरे की प्रतिक्रिया का पता नहीं चल पाया है।