
मुंबई। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के आजाद मैदान में तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णनन ने उन्हें शपथ दिलाई। फडणवीस ने मराठी में शपथ ली। फडणवीस के बाद शिंदे ने डिप्टी सीएम की शपथ ली। शपथ से पहले उन्होंने बाला साहेब ठाकरे और आनंद दिघे का नाम लिया। पीएम मोदी और अमित शाह को धन्यवाद दिया। इसके बाद एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे वह छठी बार डिप्टी सीएम बने।
7 बजे होगी पहली कैबिनेट
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद अब शाम 7.00 बजे मंत्रालय में पहली कैबिनेट होगी। यहां देवेंद्र फडणवीस सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे।
शपथ ग्रहण में पीएम मोदी हुए शामिल
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री व अन्य NDA नेता मौजूद हैं। वहीं सचिन तेंदुलकर, शाहरूख खान, सलमान खान, संजय दत्त, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह समेत 200 वीआईपी कार्यक्रम में मौजूद हैं।
23 नवंबर को आए थे नतीजे
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए थे। नतीजों में महायुति यानी भाजपा-शिवसेना शिंदे-NCP पवार को 230 सीटों का भारी बहुमत मिला। 149 सीटों पर भाजपा ने 132 सीटें प्राप्त की, जो महाराष्ट्र राजनीति में अभूतपूर्व है। ऐसे में देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा था, लेकिन मंत्रालय के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ था।
क्यों तय नहीं हो पा रहा था सीएम फेस
महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर गृह और वित्त मंत्रालय के बंटवारे पर खींचतान था। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस गृह मंत्रालय छोड़ने को तैयार नहीं थे, जबकि शिंदे गुट इसे अपने डिप्टी सीएम को देने की मांग कर रहा था। इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में भी कोई हल नहीं निकल सका।
बीजेपी गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा और ग्रामीण विकास जैसे अहम विभाग अपने पास रखना चाहती थी। शिंदे गुट को स्वास्थ्य, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य और उद्योग जैसे विभाग देने का प्रस्ताव था। वहीं, एनसीपी (अजित पवार गुट) को वित्त, योजना, सहयोग और कृषि मंत्रालय देने की पेशकश की गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी गृह मंत्रालय जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी किसी और के हाथों में नहीं जाने देना चाहती थी, इस कारण गतिरोध बना हुआ था।
महाराष्ट्र विधानसभा नतीजों के बाद की हलचल
- 23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा नतीजे आए, जिसमें महायुति ने 230 सीटों पर जीत हासिल की। जिसमें भाजपा घटक ने 132, शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57 और NCP (अजित पवार गुट) ने 41 सीटें जीतीं। इन नतीजों के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
- इसके बाद 25 नवंबर को 1 मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी सीएम का फॉर्मूला तय किया गया। इसके तहत गठबंधन के हर घटक के लिए 6 से 7 विधायकों पर एक मंत्री पद तय किए गए, जिसके मुताबिक भाजपा के पास 23, शिंदे गुट के पास 11 और अजित पवार की पार्टी को लगभग 10 मंत्री पद मिलने की उम्मीद थी।
- 27 नवंबर को ठाणे में एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमें भाजपा जो भी सीएम तय करेगी वो हमें मंजूर है। उन्होंने पीएम मोदी जो भी फैसला लेंगे, वही मंजूर होगा।
- 28 नवंबर को एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली में करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की, जिसमें शिंदे करीब आधे घंटे तक अमित शाह से अकेले में बात की। शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर मिला था।
- इसके बाद 29 नवंबर को महायुति की बैठक टाल दी गई। एकनाथ शिंदे तबियत खराब होने का हवाला देकर अपने पैतृक गांव सतारा चले गए। शिवसेना मुख्यमंत्री पद के बदले गृह और वित्त मंत्रालय मांग रही थी। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा- अगर शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से ही दूसरा चेहरा ये पद संभालेगा।
- 1 दिसंबर को शिंदे दो दिन तक अपने पैतृक गांव सातारा में रहे। रविवार को वे सतारा के एक मंदिर में गए और कुछ देर बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहा- चुनावी कार्यक्रमों की व्यस्तता के बाद मैं आराम करने आया था। उन्होंने उस समय भी यह कहा कि पीएम मोदी और शाह जिसे भी सीएम बनाएंगे, वो मुझे और पार्टी को स्वीकार होगा।
- 2 दिसंबर को भाजपा ने पर्यवेक्षक के रूप में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को चुना। महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने आजाद मैदान में शपथ समारोह की तैयारियों को लेकर मुआयना किया।
- 3 दिसंबर को चार दिन बाद एकनाथ शिंदे मुंबई लौटे। इसके बाद शाम को फडणवीस ने उनसे आधे घंटे की मुलाकात की। शिंदे ने शिवसेना विधायकों के साथ बैठक की।
ये भी पढ़ें-