मध्य प्रदेश

महाशिवरात्रि पर दूल्हा बनेंगे महाकाल, इन तस्वीरों में देखिए भगवान का अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। बता दें कि मंगलवार को भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे। इससे पहले 8 दिन तक भगवान का अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार किया गया। इन तस्वीरों में भगवान महाकाल के चंद्रमौलिश्वर से लेकर शिव तांडव स्वरूप में श्रृंगार, मस्तिष्क पर शेषनाग, फलों की माला और मुंडमाल के स्वरूपों के दर्शन कीजिए।

पहले दिन : भगवान की पूजा, कोटितीर्थ पर स्थित श्री कोटेश्‍वर महादेव के पूजन-अर्चन के बाद प्रारंभ हुई। यहां 11 ब्राह्मणों ने रुद्राभिषेक किया। बता दें कि दोपहर 3 बजे महाकाल को नए वस्त्र पहनाए गए।

चंद्रमौलेश्वर स्वरूप

दूसरे दिन : पूजा के बाद शाम को बाबा महाकाल को लाल वस्त्र धारण करवाए गए। मुकुट, मुंड और फलों की माला के साथ शेषनाग धारण करवाया गया। बता दें कि यहां अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से हुआ।

शेषनाग स्वरूप

तीसरे दिन : शाम को पूजा के बाद बाबा महाकाल ने घटाटोप स्वरूप में दर्शन दिए। यहां नारंगी वस्त्र धारण कराए गए। बता दें कि कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र, माला व फलों की माला पहनाई गई।

घटाटोप स्वरूप

चौथे दिन : सुबह मंदिर के नैवैद्य कक्ष में श्रीचन्द्र मौलेश्वर का पूजन किया। यहां पीले वस्त्र धारण करवाए गए। बता दें कि छबीना रूप का श्रृंगार कर मुकुट, मुण्ड और फलों की माला धारण कराई गई।

छबीना स्वरूप

पांचवें दिन : सुबह भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन किया गया। यहां शाम को नीले वस्त्र धारण करवाए गए। बता दें कि मन महेश स्वरूप का श्रृंगार कर मुकुट, मुंड व फलों की माला धारण कराई।

मन महेश स्वरूप

छठवें दिन : बाबा महाकाल को कत्थई रंग के वस्त्र धारण करवाए गए। बता दें कि उमा महेश स्वरूप का श्रृंगार कर मुकुट, मुंड व फलों की माला धारण कराई गई।

उमा महेश स्वरूप

सातवें दिन : सुबह चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया गया। यहां लाल रंग के वस्त्र धारण करवाए गए। बता दें कि होल्कर का श्रृंगार कर बाबा को मुकुट, मुंडमाल व फलों की माला धारण कराई गई।

होल्कर स्वरूप

आठवें दिन : महाकालेश्वर का शिव-तांडव स्वरूप में श्रृंगार किया गया। यहां भगवान को वस्त्र, कुंडल, चंद्रमा, चांदी की नरमुंड और फलों की माला धारण कराई गई।

शिव तांडव स्वरूप

11 फीट का सेहरा तैयार

जानकारी के मुताबिक, भगवान महाकाल के लिए 3 क्विंटल फूलों से 11 फीट का सेहरा तैयार किया जा रहा है। इसमें 100 किलो अकौए और 200 किलो देसी फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं गर्भगृह और नंदी हॉल को भी थाईलैंड और इंडोनेशिया के फूलों से ‘शिव ज्योति अर्पणम’ महोत्सव : महाशिवरात्रि पर 21 लाख दीपों से जगमगाएगी महाकाल की नगरी, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्डसजाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसके लिए 5 कारीगर बेंगलुरू से बुलाए गए हैं।

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