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महाकाल-कृष्ण पाथेय का मप्र से राजस्थान तक बनेगा कॉरिडोर, धर्म परिपथ का होगा विस्तार

पार्वती-कालीसिंध-चंबल के प्रोजेक्ट पर मप्र और राजस्थान सीएम की सहमति

भोपाल। पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदियों को जोड़ने की परियोजना को साकार करने के लिए मध्य प्रदेश-राजस्थान सरकार का प्रयास तेज हो गया है। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने परियोजना से जुड़ी एक कार्यशाला को संबोधित किया। मप्र के सीएम डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने संयुक्त रूप से पार्वती-कालीसिंध- चंबल लिंक राष्ट्रीय परियोजना पर चर्चा की। राजस्थान के सीएम शर्मा ने कहा कि महाकाल-कृष्ण पाथेय और खाटू श्याम सहित अन्य धार्मिक कॉरिडोर मप्र और राजस्थान को जोड़ते हुए बनाए जाएंगे। मप्र सरकार कृषि पथ तैयार कर रही है। राजस्थान भी इस मामले में काम शुरू करेगा, कृष्ण पथ को कॉरिडोर के रूप में तैयार किया जाएगा।

प्रोजेक्ट पर एक नजर

  • लागत: परियोजना में कुल 72 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। एमपी सरकार 35 हजार करोड़ और राजस्थान सरकार 37 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।
  • सिंचाई: 6.17 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। मप्र में 3.37 लाख हेक्टेयर और राजस्थान में 2.80 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी ।
  • बांध: परियोजना में कुल 17 बांध और बैराज बनाए जाएंगे। जिनकी जलभराव क्षमता 1477.62 मिलियन घन मीटर होगी। 9 जिलों में पेयजल और 4 जिलों के उद्योगों को पानी मिल सकेगा। चार बांध कटीला, सोनपुर, पावा, धनवाड़ी में बनाए जाएंगे। वहीं, श्यामपुर और नैनागढ़ में दो बैराज बनाए जाएंगे। गुना जिले में कुंभराज कॉम्प्लेक्स दो बांध बनेंगे। ऊपरी चंबल कछार में 7 बांध बनेंगे। इनमें रामवासा, बचौरा, सिकरी सुल्तानपुरा बांधों से उज्जैन, इंदौर, धार जिले को पानी मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छोटे- छोटे इश्यू को लेकर बिना बात के कुछ ना कुछ कारण से दो- राज्य लगभग 20 साल से ज्यादा समय से इस मामले में उलझे रहे। हम तीन दिन पहले केंद्र में जल शक्ति मंत्री के साथ बैठे थे। राज्यों के अपने कुछ हित होते हैं, यह हम मानते हैं,लेकिन राज्यों के हित में हमको एक और निगाह रखना पड़ेगी। वह है देश हित और देश हित से बड़ा कोई हित नहीं हो सकता है। राजस्थान और मप्र दोनों भाई-भाई की तरह हैं।

राजस्थान सीएम भजन लाल शर्मा

राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि मप्र- राजस्थान दोनों ऐसे प्रदेश हैं जिनके पास जमीन है, लेकिन सिंचाई के साधन कम थे। ये योजना ऐसी हैं कि दोनों राज्य मिलकर इसे आगे बढ़ाएंगे। मध्य प्रदेश और राजस्थान की यह योजना इतनी बड़ी है कि राजस्थान के लगभग 13 जिले इसमें आ रहे हैं और करीब मध्य प्रदेश के भी इतने ही जिले इसमें आते हैं। नदी के पानी का अब पूरा उपयोग होगा। इससे किसानों को भी फायदा होगा।

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