भोपालमध्य प्रदेश

शिवराज ने शिकायतों के लिए दिया था सीएम ऑफिस का फोन नंबर, पहले ही दिन रिसीव नहीं हुए कॉल

पुष्पेंद्र सिंह, भोपाल। पन्ना जिले के गुनौर निवासी राजप्रताप पटेल दो साल से राशन कार्ड बनवाने के लिए परेशान हैं। 2020 में CM Helpline में शिकायत की, लेकिन निराकरण किए बिना ही शिकायत बंद कर दी गई। जनसुनवाई में एसडीएम को आवेदन दिया, लेकिन नतीजा नहीं निकला।

बुधवार को भोपाल में सरपंचों और पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में सीएम के सामने ऐसे करीब 6,000 आवेदन पहुंच गए। इसके बाद शिवराज ने मंच से ही सीएम ऑफिस का लैंडलाइन नंबर 0755-2442231 सार्वजनिक कर दिया। राजप्रताप को लगा था कि अब उनकी बात सुनी जाएगी, लेकिन वहां फोन करने पर कॉल ही रिसीव नहीं हुआ।

यह समस्या अकेले राजप्रताप की नहीं है। भोपाल के प्रेमनारायण मिस्त्री भी गुरुवार को दिन भर परेशान रहे। उन्होंने सीएम हाउस के नंबर पर कई बार कॉल किया, लेकिन बार-बार फोन इंगेज बताता रहा। प्रेमनारायण की शिकायत थी कि सेमराकलां स्थित सरकारी स्कूल में बच्चों को न तो गणवेश और न ही पुस्तकें मिली हैं। पीपुल्स अपडेट ने भी इस नंबर पर फोन कॉल लगाया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।

जन समस्याओं के निराकरण के लिए कई प्लेटफॉर्म

राज्य सरकार ने शिकायतों के निराकरण के लिए दर्जनभर प्लेटफॉर्म बनाए हैं। मंशा है कि लोगों को जल्द और बिना दौड़भाग के समाधान मिले। लेकिन हकीकत इसके उलट है। अकेले सीएम हेल्प लाइन में 8 साल में शिकायतों की संख्या 2 करोड़ तक पहुंचने वाली है। सिर्फ राजस्व संबंधी आवेदनों की संख्या 1.43 करोड़ हो गई है। इनमें 9.66 लाख आवेदन अब भी पेंडिंग हैं। देखें, सरकार की तरफ से लोगों की समस्याओं के निस्तारण के लिए कितने प्लेटफॉर्म हैं?

1- सीएम हेल्पलाइन
कब प्रारंभ हुई : 31 जुलाई, 2014
संपर्क नंबर :181
शिकायतों का प्रकार: शासकीय योजनाओं की जानकारी लेना, शिकायत करना, भ्रष्टाचार सम्बन्धी।
स्थिति: अबतक कुल शिकायतें-1,99,10,800
निराकरण : 1,95,08,970
शेष : 4,01,830 (8 दिसम्बर तक)

2- सीएम जन सेवा
प्रारंभ हुई : 26 दिसम्बर 2020
सुविधा: आय, मूल निवास, चालू नक्शा, चालू खसरा और बी-1 खतौनी की प्रतिलिपियों के लिए आवेदन।
आवेदन : हर दिन 10 हजार से अधिक।
स्थिति : लोगों को जानकारी नहीं।

3- महिला हेल्पलाइन
संपर्क नंबर : 181
प्रारंभ हुई : 8 मार्च 2020
उद्देश्य : महिला उत्पीड़न से बचाव
सुविधा : महिलाओं से सम्बंधित अपराधों एवं समस्याओं में महिला की काउंसलिंग कर तत्काल राहत पहुंचाना।
शिकायत स्थिति : हर दिन प्रदेशभर में 150 से अधिक शिकायतें।

4- मप्र जनसुनवाई पोर्टल
उद्देश्य : कई ऐसे लोग हैं, जो अत्याचारों को बताने में डरते हैं या बड़े पद पर कार्यरत अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसी समस्या को ध्यान में रखते हुए जनसुनवाई पोर्टल शुरू किया गया था।
सरकार की मंशा : शिकायत दर्ज करने के लिए किसी भी दफ्तर में जाने या पुलिस स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं पड़े। घर बैठे ही ऑनलाइन शिकायत दर्ज होगी।
वर्तमान स्थिति : सरकार के पास दर्ज संख्या नहीं।
बड़ा फायदा : मुख्यमंत्री द्वारा लोगों की शिकायतों की जनसुवाई की जाती है।

5- साप्ताहिक जनसुनवाई
कौन सुनता है : हर मंगलवार को ब्लॉक से लेकर विभाग प्रमुख तक।
कब प्रारंभ हुई : 21 सितंबर 2021 (पुन:)।
उद्देश्य : आवेदक का समाधान मौके पर ही किया जाना।
शिकायत स्थिति : हर सप्ताह 10 हजार से अधिक आवेदन (प्रदेशभर में)।

6- समाधान एक दिन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि समाधान एक दिन अर्थात वन-डे गवर्नेंस आरंभ होगा। चिन्हित सेवाओं में सुबह आवेदन देने पर शाम तक उसका निराकरण किया जाएगा। इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

मध्यप्रदेश समाधान पोर्टल
उद्देश्य : घर बैठे शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर समाधान प्राप्त करना। पत्र के माध्यम से शिकायत लोक शिकायत निवारण विभाग में भेजी जा सकती है।
क्या होगा : पत्र प्राप्त होने पर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के साथ ही पत्र में उल्लेखित मोबाइल नंबर के साथ एक विशिष्ट जन शिकायत संख्या दी जाएगी।
किस तरह की शिकायतें : सूचना के अधिकार से संबंधित मामले। कोर्ट में विचाराधीन प्रकरण। आर्थिक सहायता की मांग।

पूर्व मुख्य सचिव का परख कार्यक्रम बंद 
पूर्व मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा की अध्यक्षता में परख कार्यक्रम होता था। वे मंत्रालय स्थित एनआईसी कक्ष से सभी संभागायुक्त और कलेक्टरों से चर्चा करते थे। उनके रिटायर होने के बाद यह कार्यक्रम बंद हाे गया।

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