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गीतकार माया गोविंद का निधन, लंबे समय से थीं बीमार; 350 से ज्यादा फिल्मों के लिए लिखे थे गाने

बॉलीवुड की लोकप्रिय गीतकार माया गोविंद का गुरुवार को निधन हो गया। बता दें कि वे लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं। 82 साल की माया गोविंद ने अपने घर पर ही अंतिम सांस ली। उनके निधन से न सिर्फ हिंदी सिनेमा बल्कि टीवी में भी शोक की लहर है।

350 से ज्यादा फिल्मों के लिए लिखे थे गाने

प्रसिद्ध गीतकार माय गोविंद का जन्म 1940 में लखनऊ में हुआ था। उन्होंने बतौर लिरिसिस्ट अपने करियर की शुरुआत की थी। माया गोविंद ने अपने करियर में लगभग 350 से ज्यादा फिल्मों के लिए गाने लिखे थे। बता दें कि माया गोविंद फिल्म इंडस्ट्री की एकमात्र ऐसी गीतकार थीं, जिन्होंने फिल्मों और टीवी धारावाहिकों के गानों के अलावा कई किताबें भी लिखी हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपने टैलेंट से लोगों के दिलों में एक जगह बनी ली थी, जो अब हमेशा ही खलती रहेगी।

टेलीविजन के दौर में भी गीतों की धूम रही

दूरदर्शन पर प्रसारित हुए धारावाहिक ‘महाभारत’ के लिए उन्होंने काफी गीत, दोहे और छंद लिखे। इसके साथ ही विष्णु पुराण, किस्मत, द्रौपदी, आप बीती आदि उनके चर्चित धारावाहिक रहे। सैटेलाइट चैनलों के दौर में भी माया गोविंद के लिखे शीर्षक गीतों की खूब धूम रही। सुपरहिट धारावाहिकों मायका और फुलवा के गीत उन्होंने ही लिखे।

माया गोविंद के लिखे कुछ मशहूर गाने

  • नैनों में दर्पण है (आरोप)
  • तेरी मेरी प्रेम कहानी (पिघलता आसमां)
  • दिल की हालत किसको बताएं (जनता की अदालत)
  • नजरें लड़ गय्यां (बाल ब्रह्माचारी)
  • मोरे घर आए सजनवा (ईमानदार)
  • वादा भूल ना जाना (जलते बदन)
  • चंदा देखे चंदा (झूठी)
  • कजरे की बाती (सावन को आने दो)
  • दिल लगाने की ना दो सजा (अनमोल)
  • चुन लिया मैंने तुझे (बेकाबू)
  • नू्रानी चेहरे वाले (याराना)
  • मुझे जिंदगी की दुआ ना दे (गलियों का बादशाह)
  • गुटुर गुटर (दलाल)
  • यहां कौन है असली (कैद)
  • मैं अनाड़ी तू खिलाड़ी (टाइटल गीत)
  • आंखों में बसे हो तुम (टक्कर)
  • गले में लाल टाई (हम तुम्हारे हैं सनम)
  • दरवाजा खुल्ला छोड़ आई (नाजायज)
  • सुन सुन गोरिया (दमन) आदि

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