
मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में लंपी वायरस ने दस्तक दे दी है। इंदौर संभाग के 385 गांवों में लंपी वायरस के गायों में लक्षण देखे गए हैं। बताया जा रहा है कि इन गांवों में 2 हजार से ज्यादा गाय-भैंस लंपी वायरस की चपेट में आ गई हैं। सिर्फ इंदौर में ही 81 गायों-भैंसों में लंपी वायरस पाया गया है, जबकि एक गाय की मौत हो गई है। वहीं, इंदौर संभाग में दो दर्जन पशुओं के मौत की खबर सामने आई है। जिसे लेकर पशु चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन हरकत में आ गया है। डॉक्टरों की कई टीमें इनके इलाज में जुटी हैं।
संक्रमण के चलते पशु मेले बंद
बढ़ते संक्रमण के चलते पशु हाट मेलों को बंद कर दिया गया है। पशु चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने पशु पालकों व किसानों से अपील की है कि अगर उनके यहां गायों-भैंसों में लंपी वायरस जैसे लक्षण हैं, तो तुरंत सूचना दें। जिससे उनका इलाज हो सके और उन्हें स्वस्थ गायों-भैंसों से दूर रखें।
लंपी वायरस को गंभीरता से लें : CM
गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लंपी वायरस को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बीमारी को गंभीरता से लें, क्योंकि राजस्थान समेत अन्य राज्यों में ये तेजी से फैल रहा है। किसी भी कीमत पर मध्यप्रदेश में ये वायरस बढ़े नहीं, इसके पूरे प्रयास हों। वैक्सीनेशन उपलब्ध है। बॉर्डर जिले में विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाए और लगातार मॉनिटरिंग की जाएं। इसको फैलने से रोकने के लिए हर स्तर पर आवश्यक प्रयास करें।
सीएम शिवराज ने कहा कि संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पशुओं को आइसोलेट करने के साथ-साथ अन्य उपायों के संबंध में पशुपालकों को जागरुक भी करें। सभी जिलों में वायरस की स्थिति तथा बचाव के उपायों के क्रियान्वयन की सतत समीक्षा की जाए। पड़ोसी राज्यों से पशुओं का प्रवेश रोका जाएगा। संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक टीकों की कमी नहीं आनी चाहिए।
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क्या है लंपी वायरस ?
पशु चिकित्सकों के मुताबिक, लंपी वायरस में जानवरों में बुखार आना, आंखों एवं नाक से स्राव, मुंह से लार निकलना, शरीर में गांठों जैसे नरम छाले पड़ना, दूध उत्पादन में कमी आना जैसे लक्षण दिखते हैं। इसके अलावा इस रोग में शरीर पर गांठें बन जाती हैं। गर्दन और सिर के पास इस तरह के नोड्यूल ज्यादा दिखाई देते हैं। बीमारी का पशुओं से मनुष्यों में ट्रांसफर होने की संभावना न के बराबर है।
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इसलिए खतरनाक है ये बीमारी
लंपी वायरस इसलिए बेहद खतरनाक है क्योंकि, पशुओं के संक्रमित होने के लगभग 6 से 7 दिन बाद इस वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं। तब तक संक्रमित पशु के संपर्क में आने से अन्य पशु भी संक्रमित हो जाते हैं। यही कारण है कि लंपी वायरस को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है।