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स्कूल ट्रिप में प्यार, घर वालों का शादी से इंकार तो ‘ये जवानी है दीवानी’ फिल्म देखकर छोड़ दिया घर

दिल्ली में शादी करने का था प्लान, रेस्क्यू कर परिवार को सौंपा

पल्लवी वाघेला-भोपाल। फिल्मों में देखा है कि घर से चले जाओ तो कुछ समय बाद घर वाले खुद अपना लेते हैं। यदि वह नहीं अपनाते,तब भी हम दोनों एक साथ अपनी लाइफ खुशी-खुशी बिता सकते थे। काउंसलिंग के दौरान यह बात 17 वर्षीय किशोरी ने कही। रेलवे पुलिस ने एक नाबालिग नजर आ रहे जोड़े को भोपाल स्टेशन पर रेस्क्यू किया। जांच में पता चला कि लड़का हाल ही में बालिग हुआ है। वहीं, लड़की नाबालिग है। दोनों गुजरात से निकले थे और दिल्ली जाना चाहते थे।

इसके लिए भोपाल से वह ट्रेन बदलने की प्लानिंग कर रहे थे। काउंसलिंग में दोनों ने बताया कि उन्होंने हाल ही में ये जवानी है दीवानी फिल्म देखने के बाद घर छोड़ने का निर्णय लिया। किशोरी ने कहा कि उसके घर वाले उनकी शादी के लिए तैयार नहीं होते, इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया ताकि जीवन भर अफसोस न रहे।

ये थी पूरी प्लानिंग

काउंसलिंग में दोनों ने बताया कि वह शादी के इरादे से घर से निकले हैं। हालांकि, लड़की चार माह बाद बालिग होगी, इसलिए वह शादी उसके बाद करते। लड़के ने कहा कि उसे लॉ की जानकारी है। इसलिए वह चार माह किशोरी को अपनी एक फ्रेंड के साथ रूममेट के रूप में रखने वाला था। दोनों अलग-अलग स्कूल में थे, दोनों एक ट्रिप में मिले। करीब 6 माह पहले लड़की के परिवार को उनकी दोस्ती की जानकारी लगी और बवाल हुआ। उन्होंने दिल्ली को इसलिए चुना क्योंकि लड़के के फ्रेंड सर्कल से कुछ लोग दिल्ली में हैं।

ऐसे मामलों में एक समय के बाद भ्रम टूट जाता है

बच्चों के ऊपर आभासी दुनिया का प्रभाव बहुत अधिक है । इसके चलते उन्हें लगता है कि वह आसानी से बिना पेरेंट्स के भी सर्वाइव कर लेंगे। हालांकि ऐसे अधिकांश मामलों में कुछ ही समय के बाद बच्चों का भ्रम टूट जाता है। तब वो गलत कदम भी उठा लेते हैं। पैरेंट्स के लिए जरूरी है कि बच्चों का ट्रस्ट उन पर बना रहे। बच्चों को भरोसे में लेकर अपनी बात रखें। बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखें। -दिव्या दुबे मिश्रा,साइकोलॉजिस्ट एवं काउंसलर

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