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वाद्य यंत्रों की थीम पर 26 जनवरी से शुरू होगा लोकरंग महोत्सव

अनुज मैना- देश की लोक कलाओं को समर्पित महोत्सव ‘लोकरंग’ का आयोजन 26 जनवरी से रवींद्र भवन में किया जा रहा है, जो कि 30 जनवरी तक चलेगा। लोकरंग महोत्सव की थीम इस वर्ष वाद्य यंत्रों पर आधारित रहेगी। इसमें मंच सज्जा भी पारंपरिक भारतीय वाद्य यंत्रों को केंद्र में रखकर की जाएगी। इस दौरान शहरवासियों को देश विदेश से आए आर्टिस्ट्स की परफॉर्मेंस देखने और सुनने को मिलेंगी। पारंपरिक भारतीय वाद्य यंत्रों की सुरमई प्रस्तुति इस वर्ष दर्शकों के लिए खास रहेगी। साथ ही पारंपरिक भारतीय वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें बांसुरी, तबला, सितार, सरोद सहित अन्य वाद्य यंत्रों को शामिल किया जाएगा।

शिल्प मेले में लगेंगे 210 स्टॉल

लोकरंग में शिल्प मेले का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें 210 स्टॉल लगाए जाएंगे। इनमें शिल्प के 70, कपड़ों के 72, जनजातीय एवं लोक चित्रांकन के 32, अन्य अलंकरण एवं अनुष्ठानिक शिल्प के 36, देशज व्यंजन विधा के 10 स्टॉल भी लगाए जाएंगे। शिल्प मेले में मिट्टी, लकड़ी, लौह, बांस, जूट, पत्थर रस्सी, भरेवा, खराद, पीतल, तांबा, तीर-धनुष, पेपरमेसी, घास, गोबर, घड़वा, डोकरा, झारा, तुम्बा के शिल्प स्टॉल रहेंगे।

गुजराती और मराठी व्यंजनों के स्टॉल भी लगेंगे

व्यंजन मेले में देश के विभिन्न व्यंजनों के कुल 10 स्टॉल लगाए जाएंगे। इनमें 6 लोकांचलों में बघेली, बुंदेली, निमाड़ी, मालवी, गुजराती और मराठी व्यंजनों के एक-एक स्टॉल लगाए जाएंगे। साथ ही जनजातीय व्यंजनों में भील, गोंड, बैगा और कोरकू व्यंजन भी चख सकेंगे। वहीं बाग, बटिक, नांदना, बंधेज, जरी- जरदोजी, कलमकारी, कोसा, बनारसी, सिल्क, कसीदाकारी, अजरक, ब्लॉक प्रिंट, दाबू, इंडिगो, कांजीवरम, महेश्वरी, चंदेरी कपड़ों के स्टॉल भी देखने को मिलेंगे।

आर्टिस्ट्स से चल रही है बात

लोकरंग महोत्सव की थीम इस बार वाद्य यंत्रों पर आधारित रहेगी। इसको लेकर आर्टिस्ट्स से बात चल रही है। दर्शकों के लिए इस बार कई तरह के इंस्ट्रूमेंट्स की विशेष प्रस्तुतियां दी जाएंगी। – डॉ. धर्मेंद्र पारे, निदेशक, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी

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