
मध्य प्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई का सिलसिला जारी है। ताजा मामला इंदौर (Indore) से सामने आया है। इंदौर लोकायुक्त (Lokayukta) टीम ने शुक्रवार को नगर निगम के सफाई दरोगा को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।
आरोपी दारोगा सोनू बेंडवाल ने निगम के ही एक कर्मचारी से तीन महीने का रुका हुआ वेतन दिलवाने के एवज में 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
क्या है मामला ?
दरअसल, देश में स्वच्छता में नंबर वन का तमगा हासिल करने वाले इंदौर नगर निगम में एक रिश्वतखोर कर्मचारी पकड़ाया है। इंदौर नगर निगम जोन क्रमांक 12 हरसिद्धि जोन में सफाई कर्मचारी के पद पर पूर्व में काम करने अर्जुन उठवाल (60) का 3 महीने से वेतन रुका हुआ था। अर्जुन उठवाल ने वेतन और पेंशन के लिए निगम कार्यालय में आवेदन दिया था। वहीं कार्यालय में पदस्थ दरोगा सोनू बैंदवाल ने इसके बदले में 25 हजार रुपए की मांग की थी। ये राशि दो किश्तों में देने का सौदा तया हुआ। फरियादी ने फरियादी इसकी शिकायत लोकायुक्त से कर दी।
दरोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा
लोकायुक्त निरीक्षक विक्रम चौहान ने बताया कि अर्जुन उठवाल ने दरोगा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर आरोपी को पकड़ने की योजना बनाई गई। लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को पहली किश्त के रूप में 10 हजार रुपए देकर फरियादी को दरोगा सोनू बैंदवाल के पास भेजा।
जैसे ही फरियादी ने दरोगा को पैसे दिए तभी लोकायुक्त टीम ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। लोकायुक्त टीम ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की है।
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