हेमंत शर्मा, इंदौर। लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस दोनों ने ही अपने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इंदौर लोकसभा क्षेत्र में दोनों ही पार्टियों का फोकस युवा मतदाताओं पर रहेगा। इंदौर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक 34,590 से अधिक मतदाताओं का इजाफा हो चुका है। अभी फाइनल सूची आना बाकी है। भाजपा का उम्मीदवार कौन होगा, ये बात इंदौर लोस में चर्चा का विषय है। यदि वर्तमान सांसद शंकर लालवानी ही उम्मीदवार होते हैं तो युवा मतदाता उनका वोट प्रतिशत बढ़ाने में कामयाब हो सकते हैं। युवा बोर्ड के अध्यक्ष निशांत खरे, महापौर पुष्यमित्र भार्गव के नामों पर भी चर्चा की जा रही है। दरअसल इस लोस क्षेत्र में कांग्रेस 40 साल से नहीं जीती है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अंतिम बार 1984 में जीती थी। उस वक्त प्रकाशचंद सेठी जीते थे। जबकि भाजपा का वोट बैंक लगातार बढ़ रहा है।
भाजपा की लगातार जीत और बढ़ता अंतर
- 2019 में भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने कांग्रेस के पकज को 5,47,754 मतों से हराया
- 2014 में भाजपा प्रत्याशी सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के सत्यनारायण को 4,66,901 मतों से हराया
- 2009 में भाजपा प्रत्याशी सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को 11,480 मतों से हराया
- 2004 में भाजपा प्रत्याशी सुमित्रा महाजन ने रामेश्वर पटेल को 1,93,936 मतों से हराया
- 1999 में सुमित्रा महाजन 1,31,315 मतों से जीतीं
- 1998 के उपचुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी सुमित्रा महाजन जीतीं।
मतदाताओं का रुझान भाजपा की ओर, सम्मेलन करेंगे
युवा मतदाताओं पर पूरा फोकस है। सभी के घर जा रहे हैं और उनसे संपर्क और सम्मेलन करेंगे। वहीं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद तो लोगों की मानसिकता बदली है। क्योंकि राम सभी के हैं। मोदी पर लोगों का भरोसा है। -गौरव रणदिवे, नगर अध्यक्ष भाजपा