
कई देशों में कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी का जमकर विरोध हो रहा है। हाल ही में फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान लंदन यूके में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। खालिस्तानी चरमपंथियों ने थिएटर में भारत के खिलाफ नारे लगाए और सिनेमा हॉल में तनावपूर्ण माहौल बनाया। इसके साथ पंजाब में इस फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। यहां शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी।
ब्रिटिश सरकार और पुलिस पर उठे कई सवाल
थिएटर में मौजूद लोगों के विरोध के कारण प्रदर्शनकारियों को वहां से जाना पड़ा। उन्होंने फिल्म की स्क्रीनिंग को बाधित करने का प्रयास किया, लेकिन इसके बावजूद ब्रिटिश पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस घटना ने यूके सरकार और प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पंजाब में फिल्म पर रोक की उठ चुकी मांग
ब्रिटेन के साथ 17 जनवरी को पंजाब में भी SGPC ने इमरजेंसी का विरोध किया था। SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा। इस माध्यम से उन्होंने कहा कि ‘यदि यह फिल्म रिलीज होती है, तो सिख समुदाय में आक्रोश और गुस्सा पैदा होगा।’ साथ ही उन्होंने सरकार से फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है।
लॉ स्टूडेंट भेज चुका कंगना को नोटिस
पंजाब के एक लॉ स्टूडेंट, सफल हरप्रीत सिंह ने कंगना रनौत को लीगल नोटिस भेजा है। इस नोटिस में उन्होंने कंगना से पूरे पंजाब और सिख समुदाय से माफी मांगने की मांग की है। हरप्रीत सिंह ने यह भी कहा है कि यदि कंगना इस लीगल नोटिस का जवाब नहीं देती, तो वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे।
कंगना बोल चुकी- कला और कलाकार का उत्पीड़न
पंजाब में विरोध के बाद कंगना रनौत ने X पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘यह पूरी तरह से कला और कलाकार का उत्पीड़न है। पंजाब के कई शहरों से खबरें मिल रही हैं कि लोग फिल्म इमरजेंसी की स्क्रीनिंग को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। चंडीगढ़ में पढ़ाई और बड़े होने के दौरान मैंने सिख धर्म को करीब से जाना और उसका पालन किया है। यह विरोध मेरी छवि को खराब करने और मेरी फिल्म इमरजेंसी को नुकसान पहुंचाने के लिए झूठ और दुष्प्रचार का हिस्सा है।’
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