
दिल्ली के बाद अब भोपाल स्टेशन पर भी उत्तर प्रदेश जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। सोमवार दोपहर 3:01 बजे महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस जैसे ही प्लेटफार्म पर आने लगी, पहले से भरी उस ट्रेन में लोगों ने चढ़ने की कोशिश की। लेकिन सिर्फ 20 प्रतिशत यात्री ही उस पर चढ़ पाए। इस दौरान लोग चलती ट्रेन में भी चढ़ते नजर आए, जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं।
भोपाल स्टेशन पर बढ़ी महाकुंभ जाने वाले यात्रियों की संख्या
भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों के मुताबिक, महाकुंभ में जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। साथ ही, कोहरे के कारण ट्रेनों के देर से चलने की वजह से स्टेशन पर भीड़ और ज्यादा हो गई है। सोमवार को भोपाल स्टेशन पर यात्रियों की संख्या में करीब 22 से 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखी गई। यहीं हाल रानी कमलापति और संत हिरदाराम नगर स्टेशनों का भी रहा, जहां दिनभर भारी भीड़ जमा रही।
वहीं उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली ट्रेनों में एसी और स्लीपर कोच की स्थिति जनरल डिब्बों जैसी हो गई है। डिब्बों में सवार यात्रियों ने बताया कि, कुछ लोग टॉयलेट में बैठे हुए हैं, जिसकी वजह से अन्य यात्री वॉशरूम का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
चेन खींचकर ट्रेन से उतरे यात्री
भीड़ के कारण यात्रियों को काफी परेशानी भी हुई। दो मिनट के छोटे से हॉल्ट के बाद जब ट्रेन आगे बढ़ी, तो एक महिला अचानक रोने लगी। इसे देखकर दूसरे यात्रियों ने घबराकर ट्रेन की चेन खींच दी। अंशिका साहू ने बताया कि ‘मेरी मां और बहन तो उतर गई, लेकिन मैं खुद ट्रेन से उतर नहीं पाई।’
इसी तरह, एक अन्य महिला यशोदा ने कहा कि उन्होंने भी चेन खींचकर किसी तरह ट्रेन से नीचे उतरने में कामयाबी पाई। वहीं, एक महिला ने बताया कि वह ट्रेन में चढ़ तो गई थी, लेकिन भीड़ ने उन्हें धक्का देकर बाहर कर दिया, जिससे उन्हें मजबूरन वहीं रुकना पड़ा। कई महिलाएं घबराहट में चीखती हुई नजर आई।
स्टेशन पर कमजोर बार आए रेलवे के दावे
भोपाल स्टेशन पर रेलवे की सुरक्षा के दावे कमजोर नजर आ रहे हैं। रेलवे का कहना है कि RPF जवान 24 घंटे स्टेशन और ट्रेनों में गश्त करते हैं, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हैं और बैग चेकिंग व विस्फोटक पदार्थों की जांच करते हैं। स्टेशन पर 375 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे भी निगरानी में लगे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि प्लेटफार्म नंबर 2 पर हजारों यात्रियों की भीड़ की सुरक्षा सिर्फ एक सुरक्षाकर्मी के भरोसे थी। कमांडेंट प्रशांत यादव ने बताया कि शाम के समय सुरक्षा ज्यादा कड़ी की जाती है और स्टेशन पर एक समय में 13 जवान तैनात रहते हैं।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ के कारण हुआ था हादसा
इसके पहले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 9:26 बजे भी एक हादसा हुआ था। इस भगदड़ में 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें 14 महिलाएं, 4 पुरुष और 4 बच्चे शामिल हैं। हादसे में 25 से ज्यादा लोग घायल हुए, हालांकि प्रशासन ने सिर्फ 15 घायलों की सूची जारी की है। इस घटना के बाद भोपाल रेल मंडल ने सुरक्षा बढ़ाने की बात कही थी, लेकिन हकीकत में प्लेटफॉर्म पर हजारों यात्रियों के बीच सिर्फ एक जवान तैनात था, जो भीड़ को नियंत्रित करने में असहाय नजर आया। ये सुरक्षा व्यवस्था के दावों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।